ankurpatrika | Gift Metro train on Diwali to Ahmedabad on : October 20, 2014 - 15:13:47 PM |
अहमदाबाद। दीपावली पर शहरवासियों को मेट्रो ट्रेन का तोहफा मिला है। केन्द्र सरकार ने लंबे समय से लंबित अहमदाबाद में मेट्रो रेल की परियोजना को शनिवार को हरी झंडी दे दी। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने केन्द्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस निर्णय से गुजरात की गतिशील विकास यात्रा को और भी गति मिलेगी। परियोजना के निर्माण के लिए प्रथम चरण में 10 हजार 773 करोड़ रूपए भी स्वीकृत किए गए हैं। पहले चरण में 35.90 किलोमीटर के मार्ग पर मेट्रो रेल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में केबिनेट की ओर से अहमदाबाद मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को मंजूरी दिए जाने की जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में उत्तर-दक्षिण कोरिडोर को विकसित किया जाएगा, जो वासणा एपीएमसी मार्केट से मोटेरा स्टेडियम तक एवं पूर्व-पश्चिम कोरिडोर में थलतेज गांव से वस्त्राल तक के मार्ग को विकसित किया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण के 35.956 किलोमीटर में 29.6 21 किलोमीटर का मार्ग खंभों पर तो 6 .355 का मार्ग भूतल का होगा। 28 स्टेशन खंभों पर होंगे जबकि चार स्टेशन भूतल पर बनाए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट 2018 तक पूरा होने की संभावना है। उत्तर-दक्षिण कोरिडोर मोटेरा स्टेडियम तक होगा, जो साबरमती थाना, पावर हाउस, आरटीओ ओवरब्रिज, राणिप 132 रिंग रोड, वाडज एएमटीएस बस स्टैण्ड, उस्मानपुरा, आश्रमरोड, न्यू गांधीग्राम, मादलपुर,पालडी, अंजली, वासणा होते हुए एपीएमसी तक होगी। वहीं पूर्वी-पश्चिमी कोरिडोर थलतेज गांव से प्रारंभ होगा, जो दूरदर्शन केन्द्र, गुरूकुल, गुजरात विश्वविद्यालय, कॉमर्स छह रास्ता, स्टेडियम, आश्रमरोड, शाहपुर, घीकांटा, कालूपुर रेलवे स्टेशन, कांकरिया एपरेल पार्क, अमराईवाडी, रबारी कॉलोनी, वस्त्राल, निरांत चार रास्ता एवं वस्त्राल गांव तक होगा। (कासं) - See more at: http://www.patrika.com/news/gift-metro-train-on-diwali-to-ahmedabad/1038472 |
ankurpatrika | new passenger train Starting today between Bina-Katni on : October 20, 2014 - 15:24:44 PM |
सागर। बीना से कटनी के बीच सागरवासियों को एक नई पैसेंजर ट्रेन की सौगात मिली है। सोमवार से नई पैसेंजर ट्रेन बीना से कटनी बाया सागर होकर चलना प्रारंभ कर देगी। नई ट्रेन के चलने से बीना से सागर आने वाले मुसाफिरों को काफी राहत मिलेगी। वहीं नई पैसेंजर ट्रेन चालू होने के चलते रेलवे ने दमोह-कोटा और पहले से चल रही बीना-कटनी पैसेंजर के समय में कुछ फेरबदल भी किया है। आज रवाना होगी नई ट्रेन सोमवार दोपहर करीब 1 बजकर 20 मिनट पर बीना रेलवे स्टेशन से नई पैसेंजर ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर कटनी के लिए रवाना किया जाएगी। यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन में आठ सामान्य और दो एसएलआर कोच लगाए गए हैं। इसके अलावा दमोह-कोटा पैसेंजर को सुबह 8 बजे के बजाए 6.15 बजे चलाया जाएगा। वहीं पहले से चली आ रही बीना कटनी पैसेंजर को सुबह 6 के बजाय 8 बजे रवाना किया जाएगा। वहीं नई ट्रेन की सौगात देने के साथ ही रेलवे ने सागर से चलने वाली एक मात्र पैसेंजर ट्रेन सागर-चिरमिरी को बंद करने का निर्णय लिया है। See more at: http://www.patrika.com/news/new-passenger-train-starting-today-between-bina-katni/1038889 |
ankurpatrika | ट्रेन में बर्थ नहीं मिली तो लटककर रवाना हुए घर पर त्योहार मनाने on : October 25, 2014 - 15:59:16 PM |
बिलासपुर। दीपावली पर ट्रेनों में भारी भीड़ चल रही है। मंगलवार को भारी भीड़ और लम्बी वेंटिंग को देखकर भी कई यात्रियों ने दीपावली को देखते हुए यात्रा स्थगित नहीं की और अपने घरों के लिए रवाना हो गए। कई यात्री ट्रेनों में लटककर रवाना होते देखे गए। गुरूवार को दीपावली का त्योहार धूमधाम से बनाया जाएगा। रेलवे रिजर्वेशन केन्द्र में मंगलवार को काफी लोग ऎसे दिखे, जो तत्काल के जरिये कन्फर्म सीट की उम्मीद से सुबह से ही लाइन में लगे थे। तत्काल में भी कुछ ही लोगों को टिकट मिल सका, बाकी लोगों को वेटिंग की स्थिति से जूझना पड़ा। इन लोगों को मजबूरी में वेंटिंग टिकट लेना ही मुनासिब समझा। टे्रनों में भारी भीड़ की स्थिति सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन के अलावा पैसेंजर ट्रेनों में भी देखने को मिली। जगह नहीं मिलने पर यात्री ट्रेनों में लटके हुए नजर आए। सारनाथ, सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस, हावड़ा-मुम्बई, दुर्ग-जम्मूतवी सहित अन्य टे्रनों में बर्थ नहीं मिलने पर यात्री स्लीपर बर्थ के नीचे बैठे नजर आए। स्लीपर के साथ-साथ एसी बोगियों में भी काफी वेटिंग रही। ज्यादातर ट्रेनों में वेटिंग की स्थिति 150 के ऊपर थी। स्लीपर बोगियों में लंबी वेटिंग के बाद काफी लोगों ने अपना रिजर्वेशन एसी बोगी में करा रखा था। इसमें में ज्यादातर ट्रेनों में वेटिंग 20 से ऊपर थी, जिसके कन्फर्म होने की संभावना नहीं। ऎसे में इन यात्रियों ने भी स्लीपर बोगी में बिना बर्थ के ही सफर किया। कई रेल कर्मचारी व वीआईपी लोगों के रिजर्वेशन क्लीयर नहीं हो पाए। ऎसे में लोगों ने रेलवे के स्पेशल और इमरजेंसी कोटा में भी आवेदन किया। स्पेशल कोटे के फॉर्म की संख्या इतनी ज्यादा थी कि काफी लोगों को निराश होना पड़ा। स्पेशल ट्रेनों में भी भीड़: ट्रेनों में लंबी भीड़ देखते हुए रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेन चलाए थे। साथ ही कई ट्रेनों में अस्थायी स्पेशल कोच भी बढ़ाए थे। त्योहारी सीजन में इन ट्रेनों में भी भीड़ रही। - See more at: http://www.patrika.com/news/berth-in-the-train-did-not-celebrate-the-festival-at-home-then-left-hanging/1039468 |
ankurpatrika | सीबीआई को रेलवे ऑफिसर के ड्रेन पाइपों से मिले 10 लाख रूपये on : October 25, 2014 - 16:02:37 PM |
नई दिल्ली। सीबीआई ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार रेलवे बोर्ड के अधिकारी रवि मोहन शर्मा के घर की ड्रेन पाइप से दस लाख से ज्यादा रूपए बरामद किए हैं। शर्मा की गिरफ्तारी के दो दिन बाद सीबीआई द्वारा उसके घर पर मारे गए छापे में लाखों रूपये कैश, आधा दर्जन लैपटॉप, आईफोन और कई अन्य स्मार्टफोन बरामद हुए हैं। सीबीआई को शर्मा के घर की ड्रेन पाइपों में छुपाए गए पैसों की बरामदगी के लिए उसे तोड़ना पड़ा। ड्रेन पाइंपों की अभी भी तलाशी जारी है। सूत्रों के मुताबिक जब सीबीआई की टीम शर्मा के घर पर पहुंची तो उनके परिजनों ने पैसों के बंडल ड्रेन पाइप में फ्लैश कर दिए। टीम अभी भी मजदूरों की मदद से सिवेज नाली में पैसों की तलाश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक टीम को दस लाख रूपए बरामद कर लिए और तलाश अभी जारी है। गौरतलब है कि शर्मा को बुधवार को हवाला के जरिए कथित तौर पर 5 लाख रूपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद शर्मा को 4 दिन की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया गया है। शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने एक प्राइवेट टूर ऑपरेटर को फायदा पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने के बदले उससे कथित तौर पर रिश्वत ली थी। 1997 बैच के इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस ऑफिसर शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने दूसरे कई और कॉन्ट्रैक्स के लिए भी रिश्वत ली। एजेंसी का कहना है कि वह शर्मा के अन्य अधिकारियों से संबंध के बारे में भी जांच कर रही है। एजेंसी उन लिंकों को ढूंढने में लगी है जो कि टूर ऑपरेटर्स के लिए ट्रेन में अतिरिक्त कोच लगाने में शर्मा की मदद करते थे। - See more at: http://www.patrika.com/news/cbi-recovers-rs-10-lakh-from-drain-near-railway-officers-residence/1040043 |
ankurpatrika | रेलवे पर 67 करोड़ पानी का बकाया on : October 25, 2014 - 16:11:05 PM |
रायपुर। छत्तीसगढ़ में रेलवे जलकर का रूपया जमा करने में आनाकानी कर रहा है। राज्य सरकार का रेलवे पर लगभग 67 करोड़ रूपया जलकर बकाया है, लेकिन वित्तीय बदहाली से गुजर रही सरकार अपने करोड़ों का जलकर वसूलने में अब तक नाकाम रही है। बकाया जलकर की वसूली के लिए प्रदेश के जल संसाधन विभाग की तरफ से रेलवे को नोटिस भी जारी किया गया है, लेकिन रेलवे ने अभी तक नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया है। प्रदेश में रेलवे अपनी जरूरत के अनुसार विभिन्न संभागों के जल स्त्रोतों से पानी ले रहा है, लेकिन जलकर जमा करने में कोताही बरत रहा है। रेलवे ने पिछले कई सालों से जलकर जमा नहीं किया है। रेलवे पर जल संसाधन विभाग का लगभग 67 करोड़ रूपए का जलकर बकाया है। जल संसाधन विभाग द्वारा बकाया जलकर की राशि जमा करने के लिए रेलवे को नोटिस भी जारी किया गया है। लेकिन रेलवे के अधिकारी न तो जलकर जमा करने में और न ही नोटिस का जवाब देने में रूचि दिखा रहे हैं। रेलवे ने भी की पुष्टि रेलवे के आधिकारिक सूत्रों ने भी रेलवे पर जलकर बकाया होने की पुष्टि की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जलकर के संबंध में पिछले दिनों रेलवे को जल संसाधन विभाग की तरफ से नोटिस मिला है। इसके बाद भी रेलवे की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया। यहां इतना है बकाया रेलवे पर रायपुर संभाग में 13 करोड़ 85 लाख, दुर्ग संभाग में दो करोड़ 25 लाख और बिलासपुर संभाग में 50 करोड़ 93 लाख रूपए जलकर बकाया है। रेलवे को अपने उपयोग में लिए गए पानी के लिए नियमत: हर साल जल संसाधन विभाग में जलकर जमा करना चाहिए, लेकिन रेलवे ऎसा नहीं कर रहा है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रेलवे के अधिकारियों से जलकर जमा करने के लिए लगातार पत्र व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन रेलवे की तरफ से इन पत्रों का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। कर रहे हैं आवश्यक कार्रवाई रेलवे पर जलकर का करोड़ों रूपया बकाया है। बकाया जलकर की वसूली के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही निराकरण हो जाएगा। एचआर कुटारे, प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग - See more at: http://www.patrika.com/news/railway-over-67-crores-outstanding-water/1040005 |
ankurpatrika | मानिकपुर व दीपका में रेल ओवर ब्रिज on : October 25, 2014 - 16:23:24 PM |
कोरबा। एसईसीएल द्वारा कोयला उत्पादन बढ़ाने के साथ ही डिस्पैच सिस्टम में सुधार करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत रेल साइडिंग को अपग्रेड किया जा रहा है। नई साइडिंग बनाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। बार बार रेल फाटक बंद होने की समस्या से निपटने तीन रेल ओवर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। रेल ओवर ब्रिज का लाभ लोगों को आने जाने में मिलेगा। तीन रेल ओवर ब्रिज में शहर स्थित मानिकपुर, दीपका व चिरमिरी आरओबी शामिल है। मानिकपुर रेल फाटक से होकर भारी वाहनों की आवाजाही होती है। यह कोरबा रेलवे स्टेशन के ईस्ट केबिन के पास स्थित है। इससे सभी ट्रेनों की आवाजाही के समय फाटक को बंद करना पड़ता है। इसका प्रभाव कोयला डिस्पैच पर पड़ता है। भारी वाहन मुड़ापार बाइपास से होकर चांपा की ओर आते जाते हैं। बीच में मानिकपुर रेल फाटक पड़ता है। इस फाटक को लंबे समय के लिए बंद रखना पड़ता है। इससे भारी वाहनों की लंबी कतार रहती है। फाटक अधिक समय के लिए खोलने पर ट्रेनों की आवाजाही नहीं हो पाती। इस फाटक से होकर यात्री ट्रेनों के साथ ही कोयला परिवहन वाली मालगाड़ी आती जाती है। रेलवे द्वारा कोयला परिवहन के लिए व्यवस्था इस प्रकार की गई है कि गेवरा, दीपका, कुसमुंडा व सुराकछार साइडिंग से मालगाड़ी कोरबा पहुंचती है। यहां से अन्य आवश्यक तैयारियों के साथ मालगाड़ी गंतब्य स्थान के लिए रवाना की जाती है। इससे हर पंद्रह मिनट में मानिकपुर रेल फाटक को बंद करना पड़ता है। भारी वाहनों के लिए कम दूरी वाला कोई दूसरा रास्ता भी उपलब्ध नहीं है जिसमें से होकर इनको आने जाने की छूट दी जाए। शहर में बने रेल फुट ओवर ब्रिज का उपयोग भारी के लिए नहीं किया जाता। दुर्घटना की आशंका को देखते हुए प्रतिबंधित किया गया है। 38 रैक कोयले का परिवहन गेवरा-चांपा रेलखंड से 38 रैक कोयले का परिवहन प्रतिदिन किया जाता है। यानि 76 बार मालगाड़ी गुजरती है। इसके अलावा यात्री ट्रेनों का परिचालन सुबह 6 बजे से रात 11.30 बजे तक बीच बीच में होता है। सात यात्री ट्रेनें नियमित रूप से चलती हैं। इन सबका असर कोयला परिवहन पर पड़ रहा है। खदानों में उत्पादन बढ़ने के बाद कोयला परिवहन बढ़ाना पड़ेगा। दीपका से गुजरेगी पेण्ड्रा लाइन एसईसीएल द्वारा दीपका में खदान का संचालन किया जाता है। एक रेल लाइन खदान तक गई है। इसमें से होकर कोयले का परिवहन होता है। निकट भविष्य में गेवरा पेण्ड्रा रेल लाइन दीपका से होकर गुजरेगी। इसके बाद यातायात का दबाव और बढ़ जाएगा। गेवरा खदान व कुसमुंडा की उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा रही है। पेण्ड्रा तक नई रेल बिछने के बाद कोयला कोरबा-चांपा के अलावा दीपका होकर मालगाड़ी से भेजी जाएगी। दीपका रेल फाटक बीच बाजार में होने से बार बार फाटक को बंद करना पड़ेगा। - See more at: http://www.patrika.com/news/manikpur-and-dipaka-rail-overbridge/1039943 |
ankurpatrika | भारत की ड्रैगन को चुनौती देने की तैयारी! चीन से सटी सीमा पर बिछाएगा रेल लाइनें on : October 25, 2014 - 16:31:07 PM |
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चीन से सटी सीमा पर चार रेलवे लाइनें बिछाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक हजार किलोमीटर लंबी ये लाइनें हिमालय के क्षेत्र में बिछाई जाएंगी, जिनका विस्तार असम, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और अरूणाचल प्रदेश में होगा। इन लाइनों का इस्तेमाल भारतीय सेना रणनीतिक इस्तेमाल के लिए करेगी। पिछले सप्ताह योजना आयोग, रक्षा, रेलवे और वित्त मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के बीच हुए हुई बैठक में पीएमओ ने रेलवे को इन लाइनों का सर्वे करने का आदेश दिया है। सर्वे में आने वाले खर्चे के आंकलन के लिए रेलवे को एक महीने का समय दिया गया है। बताया जा रहा है दो साल में पूरा होने वाले इस सर्वे में करीब 200 करोड़ रूपए का खर्चा आएगा। रेलवे ने पीएमओ को बताया कि ये रेल लाइनें हिमालय के आसपास ही बिछाई जाएंगी, ऎसे में लाइनें बिछाने में काफी खर्चा आएगा, क्योंकि रास्ते में पड़ने वाले पहाड़ों में सुरंगे बनानी होंगी। ये होंगी रेल लाइनें:- -मिसामारी-तवांग (378 किलोेमीटर) -असम-अरूणाचल प्रदेश, उत्तरी लखीमपुर-सिलापथर (248 किलोमीटर) -असम-अरूणाचल प्रदेश, मुरकोंगसेलेक-पासीघाट-तेजू-परशुराम कुंड-रूपई (256 किलोमीटर) -हिमाचल प्रदेश-जम्मू एवं कश्मीर, बिलासपुर-मंडी-मनाली-लेह (498 किलोमीटर) गौरतलब है कि चीन ने अपने क्षेत्र में सीमा से सटे क्षेत्र में रेलवे और सड़क नेटवर्क बना रखा है। लेकिन हालही में भारत सरकार द्वारा चीन से सटी सीमा वाले इलाके में सड़क बनाने के फैसले पर चीन ने एतराज जताया था। जिसका भारत ने चीन को करारा जवाब दिया था। भारत ने कहा था कि हम हमारे क्षेत्र में कुछ भी करें इसके लिए हमें किसी से कुछ पूछने की जरूरत नहीं है। - See more at: http://www.patrika.com/news/govt-gives-go-ahead-to-4-strategic-rail-lines-along-china-border/1039508 |
ankurpatrika | रेलवे श्रमिकों ने कहा, कर सकते हैं आंदोलन on : October 25, 2014 - 16:41:05 PM |
चायबासा। रेलवे ठेका मजदूरों कि विभिन्न मांगों को लेकर कोल्हान श्रमिक युवा मंच के तत्वावधान में आम सभा की गई। सभा की अध्यक्षता मंगल सिंह बोबोंगा ने की। रेलवे मजदूरों ने इस सभा में अपनी समस्याएं और मांगें रखीं, जिनमें न्यूनतम मजदूरी देने, 2 शाखा कमिटी डांगुवापोसी का पुनर्गठन आदि शामिल हैं। बैठक में मजदूरों ने सर्वसम्मति से कहा कि ठेका मजदूरों को निर्धारित 222 रुपए का भुगतान नहीं किया जाता है तो मजदूर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। सभा को गोविंद बोबोंगा, सुधीर देवगम, रूप नारायण देवगम ने संबोधित किया। - See more at: http://www.patrika.com/news/railway-labors-may-go-on-movement-raillway-movement/1039728 |
ankurpatrika | रेलवे की 25 इमारतें सौर ऊर्जा से रोशन होगीं on : October 25, 2014 - 17:02:55 PM |
इलाहाबाद। उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय समेत रेलवे की 25 इमारतों को सौर ऊर्जा से रोशन किया जाएगा। आने वालें सालों में यह योजना पूरी हो जाएगी। भारतीय रेलवे पारंपरिक ऊर्जा का सबसे अधिक उपयोग करता है जिसके चलते पारंपरिक ऊर्जा बचत के लिए जरूरी है कि वह गैर पारंपरिक ऊर्जा का उपयोग ही करे। इस योजना में रेल मंत्रालय और गैर पारंपरिक ऊर्जा विभाग मिलकर इस कार्य को आने वाले सालों में पूरा करेंगे। सौर ऊर्जा से जुड़ी प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को कम से कम 4000 करोड़ का बाजार भी उपलब्घ हो जाएगा और अभी तक रेलवे तकरीबन 12,500 करोड़ रुपये ऊर्जा पर सालाना खर्च करती है। - See more at: http://www.patrika.com/news/illuminate-25-buildings-of-railway-from-solar-energy/1039591 |
ankurpatrika | अब ट्रेन में आराम से सोइए, आपका स्टेशन आने से पहले जगा देगा रेलवे on : October 29, 2014 - 10:37:26 AM |
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