हादसे से खुली रेलवे के सुरक्षा-संरक्षा के दावों की पोल by nikhilndls on 19 June, 2012 - 03:00 AM | ||
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nikhilndls | हादसे से खुली रेलवे के सुरक्षा-संरक्षा के दावों की पोल on 19 June, 2012 - 03:00 AM | |
कटिहार : सोमवार को कटिहार-दरभंगा सवारी ट्रेन में शंटिंग के दौरान इंजन की जोरदार टक्कर से रेलवे की संरक्षा व सुरक्षा के दावों की पोल एक बार फिर खुल गयी है। ऐसे में एक ही रैक को कई नंबरों से लगातार चलाने व इसमें भेड़-बकरियों की तरह सफर करने को मजबूर रेल यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा कैसे होगी, यह प्रश्न उभरा है। बरौनी से कटिहार तक आने वाली 55532 डाउन नंबर की सवारी ट्रेन को पुन: चंद मिनटों में 55535 अप बनाकर कटिहार से दरभंगा भेजने की कवायद के दौरान यह हादसा हुआ। रोजाना इस ट्रेन में यात्रियों की भीड़ इतनी रहती है कि यात्रियों को किसी प्रकार लाद कर यात्रा करने को मजबूर होना पड़ता है। इस ट्रेन में एक तो डिब्बों की कमी रहती है वहीं इसमें शौचालय में गंदगी के बीच पानी भी उपलब्ध नहीं रहता है। बरौनी से कटिहार पहुंचने के साथ ही इस ट्रेन में वापसी के लिए यात्रियों के बीच मारामारी की स्थिति पैदा हो जाती है। लोग किसी प्रकार इस ट्रेन में चढ़ने की जद्दोजहद करते है। सोमवार को भी इसी तरह की कवायद चल ही रही थी कि शंटिंग कर रहे इंजन ने इस ट्रेन की बोगी में जोरदार टक्कर मारी। यह धक्का इतना जबरदस्त था कि बोगी में चढ़े अधिकांश यात्री अपने को संभाल नहीं पाये व प्राय: सभी चोटिल हुए। इनमें वृद्ध, महिला व बच्चे सभी शामिल थे। यूं देखा जाए तो कटिहार-बरौनी रेलखंड पर यात्रियों को प्राय: परेशानियों से जूझना पड़ता है। चार जोड़ी अप व डाउन वाली सवारी ट्रेनों में डिब्बों की कमी के बीच यात्रियों को प्राय: दरवाजे-खिड़कियों पर लटक कर यात्रा करने को मजबूर होना पड़ता है। धक्का-मुक्की व जोखिम के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को इस हादसे ने एक ओर सबक दिया है वहीं रेलवे के दावों की पोल भी खुल गयी है। |