रेलमंत्री के शहर में हुआ लापरवाही से हादसा by nikhilndls on 22 November, 2012 - 03:00 AM | ||
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nikhilndls | रेलमंत्री के शहर में हुआ लापरवाही से हादसा on 22 November, 2012 - 03:00 AM | |
रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के शहर में मंगलवार शाम को महकमे की लापरवाही का ऐसा वाक्या सामने आया, जिसमें नंगल-अंबाला पैसेंजर ट्रेन के यात्रियों की जान पर बन आई। शुक्र है कि मोहाली के ट्रैक पर चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया फेज दो में बने पुल के पास खड़ी ट्रेन में सामने से आए इलेक्ट्रिक इंजन की जोरदार टक्कर के बावजूद डिब्बे नहीं पलटे जिससे जान का नुकसान होने से बच गया।इस हादसे से दो अन्य ट्रेनों के सैकड़ों यात्रियों को चार घंटे तक परेशान होना पड़ा। पैसेंजर ट्रेन के इंजन में सामने से दूसरे इंजन की टक्कर में दो लोग घायल हुए जिन्हें जीएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया। अंबाला मंडल के डीआरएम पीके सांघी ने बताया कि खड़ी ट्रेन में टक्कर मारने के आरोपी खाली इंजन के ड्राइवर को तत्काल निलंबित कर दिया गया है और मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।चंडीगढ़-मोहाली रेलवे ट्रैक पर हुए इस हादसे की वजह से शाम करीब पौने छह बजे अमृतसर जाने वाली चंडीगढ़-अमृतसर इंटरसिटी रात 10.15 बजे के बाद रवाना हुई। नई दिल्ली से ऊना जा रही जन शताब्दी एक्सप्रेस चार घंटे तक चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही। यह ट्रेन रात 10.10 पर चंडीगढ़ से रवाना हुई। इससे चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर शाम से ही अफरातफरी मची रही। रात 10.05 बजे यह ट्रैक क्लीयर हुआ और इसके बाद ही दोनों ट्रेनों को चंडीगढ़ से रवाना किया गया।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नंगल से अंबाला जा रही पैसेंजर ट्रेन का इंजन मंगलवार शाम लगभग 5.35 बजे चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया फेज-दो में बने रेलवे पुल के पास खराब हो गया। कुछ देर बाद अंबाला से मौके पर दूसरा इंजन भेजा गया। यह इंजन बहुत तेज स्पीड से उसी ट्रैक पर दौड़ा दिया गया जिस पर खराब इंजन वाली ट्रेन खड़ी थी। इस इंजन की अंबाला-नंगल पैसेंजर ट्रेन के इंजन से इतनी तेज टक्कर हुई कि ट्रेन के डिब्बों में बैठे यात्रियों को जोर से झटका लगा। कई यात्री गिर गए और कईयों को चोटें आईं।टक्कर लगने से ट्रेन में बैठे यात्रियों में दहशत मच गई। अंधेरा होने के बावजूद कई लोग पटरी की दोनों तरफ उगी घास में ही उतर कर भागने लगे। ट्रेन में ऊपर की बर्थ पर सो रहे गोरखनाथ और शाम कुमार नीचे गिर गए। इससे शाम कुमार के दांत टूट गए और गोरखनाथ के सिर पर चोट लगी। मेन सड़क से करीब 30 फुट ऊपर ट्रैक पर अटकी ट्रेन से नीचे तक आने के लिए बुजुर्गों और महिलाओं को अपना सामान सिर पर रखकर लाना पड़ा। |