मैट्रो रेल डेराबस्सी तक लाने का प्रस्ताव by riteshexpert on 24 October, 2012 - 11:30 PM | ||
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riteshexpert | मैट्रो रेल डेराबस्सी तक लाने का प्रस्ताव on 24 October, 2012 - 11:30 PM | |
डेराबस्सी। नगर काउंसिल के कार्यकारी प्रधान हरजिंद्र सिंह रंगी की अध्यक्षता में सोमवार को नगर काउंसिल की अंतिम हुई। जिसमें पार्षदों ने पूर्व प्रधान मनजीत कौर डाली, पार्षद नरेश सैनी एवं दयावीर सिंह के भारी विरोध के बीच कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए। इसके चलते वह बैठक को बीच में ही छोड़कर विरोध जताते हुए चले गए।पारित प्रस्तावों में चंडीगढ़ से चलने वाले मैट्रो रेल प्रोजेक्ट को डेराबस्सी तक लाने के लिए पंजाब सरकार से आग्रह करना, सिविल अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए जरूरी मशीनों की खरीद को पचास लाख रुपये की व्यवस्था। शहर को सेक्टरों में बांटने के लिए दस लाख रुपये का बजट पारित करने, कामर्शियल इमारतों का नक्शा पारित करने के लिए 550 रुपये प्रति गज के हिसाब से रेट करने, शहर के बाहरी हिस्से का सफाई ठेका एक साल के लिए बढ़ाने, नप की इमारतों से किराएदारों से सर्विस टैक्स वसूलने, लाइ्ब्रेरी, कम्युनिटी एवं सैनी भवन में आग बुझाने के यंत्रों का प्रबंध करने, शहर के बजट में बढ़ोतरी शामिल हैं। इसके रंगी की ओर से आपातकालीन बैठक बुलाकर साल 2012-13 के बजट में बदलाव करते हुए 17 करोड़ से 39 करोड़ रुपये बढ़ाने पर मोहर लगाई गई है। बैठक में वार्ड नंबर दो से निकलने वाले नाले में गंदगी गिराने के मामले में हाईकोर्ट की ओर से पाबंदी लगाने के बाद नई जगह के विकल्प में गांव पुनसर निवासी एक व्यक्ति की जगह 55 हजार रुपये प्रति महीना लीज पर लेने का प्रस्ताव भी रखा गया था, जिसको सभी पार्षदों ने रेट ज्यादा होने के चलते रद कर दिया। सिविल अस्पताल के लिए करीब एक करोड़ रुपये बजट रखा गया था, लेकिन पार्षदों ने जरूरी मशीनों के लिए आधा करीब पचास लाख रुपये पास किया। इन पैसों से पार्षद की कमेटी उनको सामान की खरीद कर देगी। बैठक में पहुंची पूर्व प्रधान मनजीत कौर डाली, पार्षद दयावीर सिंह व नरेश सैनी ने नप की ओर से सेक्टर बनाने के लिए दस लाख रुपये के बजट का विरोध किया गया। क्योंकि गांवों के बारे में सरकार से कोई मंजूरी नहीं मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि नगर काउंसिल फिजूल खर्ची कर रही है। शहर की पक्की सड़कों को जानबुझ कर तोड़ कर टाइलें लगाई गई हैं जिनकी कोई जरुरत नहीं थी। शहर के बाहरी हिस्सों में कच्ची गलियों को पक्का नहीं किया गया। इस कार्य में लापरवाही बरती गई है। रंगी ने कहा कि शहर को सेक्टरों में बांटने की योजना भविष्य को देखते हुए ली गई है। जब तक पंद्रह गांव शामिल नहीं होते उस समय तक केवल शहरी सेक्टरों का ही सर्वे कराया जाएगा एवं विकास कराया जाएगा। गांव शामिल होने पर उनके ऊपर योजना मुताबिक कार्य किया जाएगा। एक साल के कार्यकाल में करोड़ों रुपये के विकास कार्य किए गए हैं जिस हिसाब से बजट खत्म हो गया, जिसको बढ़ाया गया है। इस मौके पर पार्षद रंजना सैनी व उनके पति भुपिंद्र सैनी की ओर से हरजिंद्र सिंह रंगी को कार्यकाल पूरा होने पर सम्मान में यादगारी चिन्ह भेंट किया। नप के अधिकारियों की ओर से भी उनके सम्मान में विदाई पार्टी की गई। |