टिकट लेने के पहले देनी होगी अंगूठे की छाप by RailXpert on 08 September, 2012 - 04:00 PM | ||
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RailXpert | टिकट लेने के पहले देनी होगी अंगूठे की छाप on 08 September, 2012 - 04:00 PM | |
आरक्षण में दलालों के वर्चस्व को समाप्त करने के लिए रेलवे अब बायोमेटिक प्रणाली के उपयोग पर विचार कर रहा है। इसके तहत रेलवे काउंटर से टिकट खरीदने वालों को बायोमेटिक मशीन पर अपने दाएं हाथ के अंगूठे की छाप देनी होगी। एक बार छाप दर्ज होने के बाद उस व्यक्ति की पहचान दर्ज हो जाएगी। इसके बाद यदि वह व्यक्ति एक दिन में दो बार से अधिक टिकट खरीदने का प्रयास करता है तो रिजर्वेशन प्रणाली टिकट जारी करने से इन्कार कर देगी।दो जोनल रेलों में इस प्रणाली को प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है। इसकी कामयाबी के बाद इसे कुछ और जोन में और फिर संपूर्ण रेलवे में लागू किया जाएगा। रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस प्रणाली की खामियों का पता लगाया जा रहा है ताकि उन्हें दूर कर इसे फुलप्रूफ बनाया जा सके। इसके बाद इसे लागू करने में ज्यादा देरी नहीं की जाएगी। दलालों की रोकथाम के लिए रेलवे पिछले एक साल से ज्यादा गंभीर हुआ है। पिछली दीपावली और दुर्गापूजा सीजन में दलालों ने रेलवे की नाक में दम कर दिया था। तब काउंटरों के अलावा आइआरसीटीसी की वेबसाइट से ई-टिकट बुक कराने में भी दलालों के रैकेट का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद रेलवे ने इस जाल को तोड़ने के लिए कई कदम उठाए थे। मसलन, नेट और काउंटरों पर तत्काल और सामान्य टिकटों की बुकिंग के शुरुआती समय में दो घंटे का अंतर कर दिया गया। सर्वर की क्षमता भी बढ़ाई गई। इससे काउंटरों पर तो भीड़ कुछ कम हुई ही है, नेट पर स्थिति में सुधार हुआ है। अब वेटिंग लिस्ट की शिकायतें पहले जितनी नहीं रहीं। इस सबके बावजूद दलालों पर पूरी तरह अंकुश नहीं लग पा रहा है। इसलिए नए कदम के तहत बायोमेटिक प्रणाली के उपयोग पर काम शुरू किया गया है। |