ज्ञानेश्वरी हादसे के बाद ही उत्पन्न हुई गतिरोध by riteshexpert on 02 September, 2012 - 06:00 PM | ||
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riteshexpert | ज्ञानेश्वरी हादसे के बाद ही उत्पन्न हुई गतिरोध on 02 September, 2012 - 06:00 PM | |
खड़गपुर (प.मेदिनीपुर) : दक्षिण-पूर्व रेलवे अंतर्गत खड़गपुर रेल मंडल में 28 मई, 2010 की रात सरडीहा व झाड़ग्राम के बीच स्थित राजबांध इलाके में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस हादसे के बाद से ही रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा का हवाला देते हुए खड़गपुर-आद्रा, खड़गपुर-टाटानगर व चक्रधरपुर-राउरकेला संभाग में रात 10 से लेकर सुबह 5 बजे तक ट्रेनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दी गई थी। काफी प्रयासों के बाद दिसंबर, 2011 में आद्रा सेक्शन व जनवरी, 2012 में टाटा सेक्शन में फिर से रात्रिकालीन ट्रेन परिसेवा चालू की गई, लेकिन रात 10 से लेकर सुबह 5 बजे तक ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 75 किलोमीटर तक सीमित कर दी गई। इससे पूर्व ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने को लेकर खड़गपुर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में जुलाई में प्रशासनिक बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका था। इसके बाद 28 अगस्त को दोबारा प्रशासनिक बैठक का आयोजन किया गया। बताते चलें कि माओवादियों एवं पीसीपीए द्वारा सुनियोजित तरीके से 28 मई, 2010 को मुंबई हावड़ा ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को राजबांध दुर्घटना के बहाने गिरा दिया था। हादसे में 150 यात्रियों की जान चली गई थी। |