छोटी यूनिटों पर तवज्जो बिना नहीं सुधरेगी रेलवे की कैटरिंग खानपान लाइसेंसी प्रतिनिधियों ने रेलमंत्री by railgenie on 23 September, 2013 - 04:00 PM | ||
---|---|---|
railgenie | छोटी यूनिटों पर तवज्जो बिना नहीं सुधरेगी रेलवे की कैटरिंग खानपान लाइसेंसी प्रतिनिधियों ने रेलमंत्री on 23 September, 2013 - 04:00 PM | |
नीतिगत बदलावों के बावजूद रेलवे की कैटरिंग में सुधार के कोई लक्षण नहीं दिख रहे। इसका कारण छोटी खानपान इकाइयों को उजाड़ा जाना और उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाना है।1खानपान नीति 2010 के तहत वाराणसी व दिल्ली डिवीजनों में आम व विशेष छोटी इकाइयों (जीएमयू व एसएमयू) को अलग-अलग किए बिना ही टेंडर जारी कर दिए गए। इससे कई छोटे लाइसेंसी विस्थापित हुए हैं जिनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इलाहाबाद सिटी व वाराणसी सिटी स्टेशनों को कुंभ मेले के दौरान ‘ए’ श्रेणी में परिवर्तित किया गया था और मेला समाप्त होने के बाद पुन: ‘डी’ श्रेणी में बदल दिया गया है। लेकिन अब तक ‘डी’ श्रेणी लाइसेंसीज को पुन: बहाल नहीं किया गया। 1छोटी खानपान इकाइयों की इन समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसीज वेलफेयर एसोसिएशन ने रेलमंत्री मल्लिकाजरुन खड़गे को ज्ञापन सौंपा है और उनसे मिलने का समय मांगा है। रेलवे खानपान इकाइयों के प्रतिनिधियों की मांग है कि टेट्रा पैक्ड आइटमों, कोल्ड डिंक्स, फ्रेश जूस, नमकीन, बिस्कुट आदि की चाय स्टालों और ट्रालियों पर बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए। रेलवे माल गोदामों से वेंडिंग स्टालों के रीलोकेशन की अनुमति मिले। जो स्टाल प्रशासनिक आधार पर बंद किए गए हैं उन्हें उन्हीं स्टेशनों के सकरुलेटिंग इलाकों में प्लेटफार्मो पर पुन: अनुमति दी जाए। दस सूत्री फॉमरूले के कारण लाइसेंस फीस तीन-चार गुना बढ़ गई है। यह फॉमरूला आइआरसीटीसी के फॉमरूले भी ज्यादा घातक है। अत: दस फीसद सालाना वृद्धि के पुराने फॉमरूले को ही लागू किया जाए। प्रतिनिधियों का कहना है कि पूवरेत्तर रेलवे में मंडल अधिकारियों ने कैटरिंग नीति का उल्लंघन कर निविदाएं आमंत्रित की हैं। उन्हें रद किया जाए |