कोलकाता में अंधेर राज by eabhi200k on 02 August, 2012 - 09:00 PM | ||
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eabhi200k | कोलकाता में अंधेर राज on 02 August, 2012 - 09:00 PM | |
कोलकाता : सोमवार को तड़के उत्तरी ग्रिड के फेल होने के बाद मंगलवार को ईस्टर्न पावर ग्रिड ने भी दम तोड़ दिया, जिससे उत्तर के साथ-साथ पूर्वोत्तर के कई राज्य अंधकार में डूब गए। मंगलवार को दोपहर करीब एक बजे कोलकाता समेत पूरे बंगाल में बिजली आपूर्ति ठप हो गई। इससे कोलकाता की सड़कों पर दौड़ने वाली ट्राम से लेकर सियालदह, हावड़ा, आसनसोल, मालदा डिवीजनों में ट्रेनें जहां के तहां थम गर्इं। कोयला खदानों में काम कर रहे मजदूर फंस गए। कल-कारखानों की मशीनें थम गईं। शापिंग माल, इमारतों के लिफ्ट अटक गए। इस कारण जनजीवन ठप हो गया। अस्पतालों में रोगी बेचैन हो उठे। दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी व अधिकारी, घरों में रहने वाली महिलाएं और बच्चे हर कोई परेशान हो उठे। आखिर क्या हुआ? कहीं मोबाइल फोन तो कहीं लैंड लाइन भी बंद हो गए। क्योंकि काड लेस लैंड लाइन फोन बिजली से चलता है। जबकि मोबाइल फोन का नेटवर्क टावर के लिए भी बिजली चाहिए होती है। करीब दो घंटे बाद जब बिजली आई तो लोगों की बेचैनी कम हुई। शाम पांच बजे से ट्रेनों को बिजली आपूर्ति मिली। इसके बाद धीरे-धीरे ट्रेन सेवा सामान्य होने की ओर अग्रसर हुई। राजधानी, दुरंतो, शताब्दी समेत कई लंबी व लोकल ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों व दो स्टेशनों के बीच फंसी रहीं। दफ्तरों में छुंट्टी की घोषणा के बाद घरों के लिए निकले लोग वाहनों की परेशानी से जूझ रहे थे। बस, टैक्सी, आटो, रिक्शा हर वाहनों में चढ़ने के लिए लोगों की लंबी लाइन लग गई थीं। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ लग गई थी और ट्रेन सेवा शुरू होने की आस में घंटों खड़े रहे। हालांकि, निजी बिजली आपूर्ति कंपनी कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई (सीईएससी) की कुछ यूनिटों के चलने की वजह से कोलकाता समेत पास-पड़ोस के जिलों में आपात सेवा सामान्य थी। जैसे बड़े अस्पतालों, मेट्रो ट्रेन, ट्रैफिक सिग्नल, एयरपोर्ट आदि-आदि। परंतु, सीईएससी के भी कई इलाकों में बिजली गायब थी। राज्य के विद्युत मंत्री मनीष गुप्ता का कहना है कि ट्रेन सेवा तत्काल सामान्य नहीं की जा सकती। उधर अचानक बिजली गुल हो जाने से ईस्टर्न कोल फील्ड के कई खदानों में करीब 200 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें बाद में सुरक्षित निकाल लिया गया। बिजली नहीं रहने की वजह से साल्टलेक, राजारहाट के आईटी कंपनियों पर भी व्यापक प्रभाव रहा। बिजली संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी दफ्तरों में छुंट्टी की घोषणा कर दी। वहीं, एयरपोर्ट पर बिजली आपूर्ति सामान्य रहने से विमान सेवा पर कोई असर नहीं रहा। महानगर की मेट्रो सेवा भी सीईएससी की बिजली आपूर्ति से सामान्य रही। सीईएससी प्रबंधन का कहना है कि कोलकाता में 600 मेगावाट बिजली की कमी रही। इतना ही नहीं ईस्टर्न ग्रिड के फेल हो जाने की वजह से सीईएससी की बिजली आपूर्ति सेवा बाधित होने की बात कही गई है। बंगाल के विद्युत सचिव ने बताया कि बक्रेश्वर ताप विद्युत उत्पादन केंद्र की एक मात्र यूनिट चालू है जबकि अन्य सभी उत्पादन केंद्र ठप हैं। एनटीपीसी के चेयरमैन अरूप राय चौधरी ने बताया कि उत्तरी, पूर्वी और उत्तरी-पूर्वी पावर ग्रिड के फेल हो जाने की वजह से एनटीपीसी के 14 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाली 62 यूनिटें पूरी तरह बंद हो गई थीं। कहा कि रिहंद, फरक्का, तालचेर को शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि पहली प्राथमिकता रेलवे को बिजली आपूर्ति की थी। इसके बाद कारखाना व अन्य ग्राहकों को दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी यूनिट स्टैंडवाई मोड में है और पुन: स्टार्ट करना ग्रिड की स्थिति पर निर्भर करेगा। |