उत्पीड़न के खिलाफ गरजे गार्ड-ड्राइवर by railgenie on 14 July, 2012 - 03:01 PM | ||
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railgenie | उत्पीड़न के खिलाफ गरजे गार्ड-ड्राइवर on 14 July, 2012 - 03:01 PM | |
इलाहाबाद : लोको पायलटों और गार्डो ने रेलवे अफसरों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को जंक्शन के प्लेटफार्म एक पर ड्राइवर और गार्ड लॉबी के समक्ष प्रदर्शन किया। रेलवे प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। रेल कर्मियों ने उत्पीड़न की कार्रवाई वापस लेने की मांग की। चेतावनी दी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो शनिवार को प्रयागराज के समक्ष प्रदर्शन किया जाएगा। नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन की लोको शाखा के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे गार्ड और ड्राइवरों ने प्लेटफार्म पर जुलूस भी निकाला और सभा कर आक्रोश जताया। कहा गया कि गत 8-9 जुलाई को चकेरी स्टेशन से सीएलई लोको उत्तर मध्य रेलवे द्वारा एम्बुश चेक किया गया। इस दौरान ड्राइवरों और गार्डो द्वारा सुचारू ड्यूटी देने के बावजूद मात्र इस कारण से कि उन्होंने चकेरी स्टेशन मास्टर द्वारा आल राइट सिगनल आदान-प्रदान न करने की सूचना रेल प्रशासन को नहीं दी, लगभग 27 कर्मियों को आरोप पत्र दिया गया। राजधानी और मेल एक्सप्रेस के चालकों को मालगाड़ी थमा देने के साथ ही मुख्यालय से बाहर टुंडला स्थानांतरित करने के एक साथ तीन-तीन दंड के आदेश जारी कर दिए गए। यह कहीं से भी उचित नहीं है। कहा गया कि वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता परिचालन द्वारा एक पक्षीय ढंग से ड्राइवरों के बॉक्स रनिंग रूम न भेजे जाने का आदेश जारी किया गया है। जबकि उसी में कर्मचारियों के आवश्यक टूल्स और खाद्य सामग्री आदि रहती है। रनिंग स्टॉफ को एक दिन की छुट्टी लेने पर मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों से मालगाड़ी पर उतार दिया जा रहा है। बुक ऑफ करने के साथ ही वेतन कटौती कर महीनों से उत्पीड़ित किया जा रहा है। प्रदर्शन में लोको शाखाध्यक्ष डीबी सिंह, शाखा मंत्री बृजेश यादव, यूनियन के इंद्रपाल, आरआर सिंह, दीपक वर्मा प्रमुख रूप से शामिल रहे। --------- भूखे पेट चला रहे ट्रेन ट्रेन लेकर बाहर से आए चालकों को भूखे पेट सोना पड़ रहा है, इसी हालात में उनको ट्रेन भी चलाना पड़ रहा है। ऐसे में दुर्घटना की संभावना हो सकती है। रेल चालकों का आरोप है कि लाइन बॉक्स स्टेशन से रनिंग रूम नहीं पहुंचाया जा रहा है जिसमें उनकी खाद्य सामग्री रहती है। रनिंग रूम में उनके कमरों से किचन तक खाद्य सामग्री ले जाने वाले बैरा को भी हटा दिया गया है जिससे उन्हें दिक्कत हो रही है। जबलपुर से आए रेल चालक जेपी शुक्ल, आरके विश्वकर्मा, आरपी प्रजापति, डीआर पोद्दार, एसके शुक्ल और वीके गुप्त आदि ने बताया कि आठ से दस घंटे के सफर के बाद वे थककर चूर हो जाते हैं। इतनी हिम्मत नहीं रह जाती कि चार मंजिल ऊपर से भूमि तल पर बनाए गए किचन तक बार-बार सैकड़ों सीढि़यां चढ़कर आएं-जाएं। चालकों ने कहा कि वह दो दिन से भूखे हैं और इसी अवस्था में ट्रेन लेकर वापस लौटेंगे। कहा कि रेल प्रशासन उनसे अंडर रेस्ट काम ले रहा है। जानकर दुर्घटना के हालात पैदा किए जा रहे हैं। |