असम में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सेना तैनात by irmafia on 26 July, 2012 - 09:00 PM | ||
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irmafia | असम में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में सेना तैनात on 26 July, 2012 - 09:00 PM | |
कोकराझार । असम में अल्पसंख्यक प्रवासियों और बोडो आदिवासियों के बीच हिंसा जारी है और आठ अन्य शव मिलने के साथ ही आज हिंसा में मरने वालों की संख्या 40 तक पहुंच गई। केंद्र ने असम सरकार से हिंसा में शामिल सरगनाओं को गिरफ्तार करने को कहा है। पुलिस ने बताया कि पांच शव चिरांग जिले के बिजनी में बरामद हुए। हिंसा से सर्वाधिक प्रभावित कोकराझार से तीन शव मिले जहां अनिश्चितकालीन कफ्र्यू लगा है और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश हैं। चिरांग और कोकराझार जिलों से आगजनी की दो ताजा घटनाओं की खबर है, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। कोकराझार, चिरांग, धुबरी और बोंगाईगांव में सेना की तीन टुकडिय़ां तैनात की गई हैं जहां फ्लैग मार्च निकाला गया। रक्षा प्रवक्ता कर्नल एस फोगाट ने बताया कि सेना की यूनिटों ने चारों जिलों में कई संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों की पहचान की है, ताकि सही तरीके से गश्त लगाई जा सके। दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह ने कहा कि गुवाहाटी जाने वाली ट्रेनों और रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों के दो हजार कर्मी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने राज्य सरकार से दोनों पक्षों के सरगनाओं को गिरफ्तार करने को कहा है, ताकि हिंसा तत्काल थम सके। हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।’ सीमा पार से किसी की संलिप्तता की संभावना को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय सीमा सील है। किसी भी संगठित समूह के लिए सामान्य तौर पर यह असंभव है कि वह सीमा पार से भारत में घुसकर हमले कर सके।’ सेना ने आज असम के हिंसा प्रभावित चार जिलों में तैनाती के लिए लगभग एक हजार सैनिकों को भेज दिया जो वहां लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फ्लैग मार्च कर रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से इन इलाकों में जातीय संघर्ष छिड़ऩे के बाद से करीब दो लाख लोग इन चार जिलों में अपना घर-बार छोड़कर भाग गए हैं। राज्य सरकार ने कई इलाकों में करीब 70 हजार लोगों के लिए 120 से ज्यादा राहत शिविर स्थापित किए हैं जिन्होंने सुरक्षित इलाके की तलाश में अपने गांव छोड़ दिए हैं। |