मानिकपुर व दीपका में रेल ओवर ब्रिज by ankurpatrika on 25 October, 2014 - 04:23 PM | ||
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ankurpatrika | मानिकपुर व दीपका में रेल ओवर ब्रिज on 25 October, 2014 - 04:23 PM | |
कोरबा। एसईसीएल द्वारा कोयला उत्पादन बढ़ाने के साथ ही डिस्पैच सिस्टम में सुधार करने की योजना बनाई गई है। इसके तहत रेल साइडिंग को अपग्रेड किया जा रहा है। नई साइडिंग बनाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। बार बार रेल फाटक बंद होने की समस्या से निपटने तीन रेल ओवर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए सर्वे किया जा रहा है। रेल ओवर ब्रिज का लाभ लोगों को आने जाने में मिलेगा। तीन रेल ओवर ब्रिज में शहर स्थित मानिकपुर, दीपका व चिरमिरी आरओबी शामिल है। मानिकपुर रेल फाटक से होकर भारी वाहनों की आवाजाही होती है। यह कोरबा रेलवे स्टेशन के ईस्ट केबिन के पास स्थित है। इससे सभी ट्रेनों की आवाजाही के समय फाटक को बंद करना पड़ता है। इसका प्रभाव कोयला डिस्पैच पर पड़ता है। भारी वाहन मुड़ापार बाइपास से होकर चांपा की ओर आते जाते हैं। बीच में मानिकपुर रेल फाटक पड़ता है। इस फाटक को लंबे समय के लिए बंद रखना पड़ता है। इससे भारी वाहनों की लंबी कतार रहती है। फाटक अधिक समय के लिए खोलने पर ट्रेनों की आवाजाही नहीं हो पाती। इस फाटक से होकर यात्री ट्रेनों के साथ ही कोयला परिवहन वाली मालगाड़ी आती जाती है। रेलवे द्वारा कोयला परिवहन के लिए व्यवस्था इस प्रकार की गई है कि गेवरा, दीपका, कुसमुंडा व सुराकछार साइडिंग से मालगाड़ी कोरबा पहुंचती है। यहां से अन्य आवश्यक तैयारियों के साथ मालगाड़ी गंतब्य स्थान के लिए रवाना की जाती है। इससे हर पंद्रह मिनट में मानिकपुर रेल फाटक को बंद करना पड़ता है। भारी वाहनों के लिए कम दूरी वाला कोई दूसरा रास्ता भी उपलब्ध नहीं है जिसमें से होकर इनको आने जाने की छूट दी जाए। शहर में बने रेल फुट ओवर ब्रिज का उपयोग भारी के लिए नहीं किया जाता। दुर्घटना की आशंका को देखते हुए प्रतिबंधित किया गया है। 38 रैक कोयले का परिवहन गेवरा-चांपा रेलखंड से 38 रैक कोयले का परिवहन प्रतिदिन किया जाता है। यानि 76 बार मालगाड़ी गुजरती है। इसके अलावा यात्री ट्रेनों का परिचालन सुबह 6 बजे से रात 11.30 बजे तक बीच बीच में होता है। सात यात्री ट्रेनें नियमित रूप से चलती हैं। इन सबका असर कोयला परिवहन पर पड़ रहा है। खदानों में उत्पादन बढ़ने के बाद कोयला परिवहन बढ़ाना पड़ेगा। दीपका से गुजरेगी पेण्ड्रा लाइन एसईसीएल द्वारा दीपका में खदान का संचालन किया जाता है। एक रेल लाइन खदान तक गई है। इसमें से होकर कोयले का परिवहन होता है। निकट भविष्य में गेवरा पेण्ड्रा रेल लाइन दीपका से होकर गुजरेगी। इसके बाद यातायात का दबाव और बढ़ जाएगा। गेवरा खदान व कुसमुंडा की उत्पादन क्षमता बढ़ाई जा रही है। पेण्ड्रा तक नई रेल बिछने के बाद कोयला कोरबा-चांपा के अलावा दीपका होकर मालगाड़ी से भेजी जाएगी। दीपका रेल फाटक बीच बाजार में होने से बार बार फाटक को बंद करना पड़ेगा। - See more at: http://www.patrika.com/news/manikpur-and-dipaka-rail-overbridge/1039943 |