Indian Railways News => | Topic started by railenquiry on Aug 04, 2012 - 18:20:26 PM |
Title - ‘अत्यंत गरीब’ बन गई गरीब रथ एक्सप्रेसPosted by : railenquiry on Aug 04, 2012 - 18:20:26 PM |
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गरीब परिवारों को एसी कोच में सफर का आनंद दिलाने के लिए रेलवे की ओर से चलाई गयी गरीब रथ रखरखाव के अभाव में अपने नाम को सार्थक बनाने लगी है। चादर फंसाकर गेट टाइट किये जा रहे हैं। डिब्बों में गंदगी है और अक्सर भागलपुर से ही यह ट्रेन लेट खुल रही है। मंगलवार को पटना जंक्शन पर यह ट्रेन आई तो इसकी अव्यवस्था का सच संवाददाता ने अपनी आखों से देखा।रेलवे ने इसे धूमधाम से शुरू किया था। ट्रेन का रख रखाव व परिचालन इतना बेहतर था कि यात्री दिल्ली जाने के लिए सम्पूर्ण क्रांति व मगध एक्सप्रेस के बदले गरीब रथ से जाना पसंद करते थे। बाद में इसे पटना से आगे भागलपुर तक कर दिया गया। रेल सूत्र भी मानते हैं कि जब से गरीब रथ भागलपुर तक जाने लगी, इसके दुर्दिन शुरू हो गए। यह ट्रेन शायद ही कभी सही समय से पटना से खुल रही है। रख रखाव के अभाव में अधिकांश डिब्बों के दरवाजे ढीले हो गए हैं। जिनसे एसी की हवा बाहर निकल जाती है। केयरटेकर मजबूरन चादर फंसा कर गेट टाइट करते हैं। टूटी खिड़कियों को टेप से चिपका कर काम चलाया जा रहा है। लेकिन इससे कई बार बात नहीं बनती। गर्मी से बेहाल यात्री अपना सारा गुस्सा कोच अटेंडेंट पर उतार देते हैं।गरीब यात्रियों की शिकायत है कि गरीब रथ को छोड़ हर ट्रेन में एसी थ्री से साइड मिडिल बर्थ हटा दिया गया है। बर्थ भी टूटने लगे हैं। शौचालयों की स्थिति खराब है। सफाई नहीं होने से कोच में भी गंदगी रहती है। कोच में जो अग्निशमन यंत्र लगाए गए हैं, उनसे से अधिकांश एक्सपायर्ड हैं। इसलिए अगर आग लगे तो यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है।ट्रेन में चलने वाले कोच अटेंडेंट की मानें तो आये दिन ट्रेन घंटों विलंब से भागलपुर पहुंचती है। जहां बगैर मेंटेनेंस इसे दोबारा रवाना कर दिया जाता है। प्लेटफार्म पर ही डिब्बों में झाड़ लगवा पानी भर दिया जाता है। |