Indian Railways News => | Topic started by railgenie on Jul 30, 2012 - 00:19:23 AM |
Title - ्रमशीन पकड़ेगी प्रीतम केस के संदिग्धों का झूठPosted by : railgenie on Jul 30, 2012 - 00:19:23 AM |
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भागलपुर : असम के सिल्चर निवासी छात्र प्रीतम की हत्या में जुटी पुलिस टीम को भरोसा है कि जल्द ही प्रीतम के कातिल सलाखों के अंदर होंगे। पुलिस मुख्यालय इस मामले में काफी गंभीर है। हत्याकांड में संदिग्ध लोगों का सामना झूठ पकड़ने वाली मशीन से भी करवाने पर विचार कर रही है। संदिग्धों का पॉलियोग्राफी टेस्ट भी हो सकता है। पुलिस को इस मामले मे काफी ठोस क्लू हाथ आया है। परिजनों द्वारा कपड़ों की पहचान पर अपनी मौन सहमति की मोहर देने के बाद पुलिस अब उसके प्रमाण पत्र, कैमरा एवं मोबाइल की बरामदगी में लगी हुई है। छट्ठू सहनी पर पुलिस का शक गहराता जा रहा है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द की प्रीतम की गुत्थी सुलझा ली जाएगी। वैसे, घटना के 20 दिन बाद हत्याकांड में अपराधी आग आगे पुलिस पीछे पीछे चल रही थी। नौ जुलाई को प्रीतम का नवगछिया स्टेशन पर से अपहरण हो गया था। परिजनों ने जीआरपी थाने में 12 जुलाई को प्राथमिकी दर्ज करवाई। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक जयंतकांत के नेतृत्व में ताबड़तोड़ रेड किया गया। मक्खातकिया मोबाइल व लोकेशन मिला। पुलिस प्रीतम को तलाशती रही और अपराधी उसे लेकर भागते रहे। मक्खातकिया के आसपास उजले रंग की बोलेरो घूमती रही। पुलिस प्रेशर व मामले के हाइप्रोफाइल होने के बाद अपराधियों ने 15 जुलाई को प्रीतम की हत्या कर शव रंगरा चौक सहायक थाना क्षेत्र के ओवर ब्रिज के पास फेंक दिया । पुलिस शव को बरामद करने के पश्चात भी आगे नही बढ़ सकी। पुलिस आरोपी सहित सुबूत तक पहुंचने का प्रयास करती रही। किंतु कुछ भी हाथ नही आया। पुलिस ने जब एक बदमाश पर प्रेशर बढ़ाया तो प्रीतम का बैग कटरिया ओवर ब्रिज के समीप झाड़ी में फेंक दिया गया। बरामद बैग वही है जिसे प्रीतम से बदमाशों ने छीना था। इसकी जांच के लिए जांच के लिये डॉग स्क्वॉयड व फॉरेसिंक जांच टीम पटना से आयी फोरेंसिक जांच दल की जांच भी शून्य रही। पुलिस के लिये बचा तो खोजी कुत्ता जो चापर गांव में घुसा। सूत्रों के अनुसार अपराधियों की ये हरकतें पुलिस के लिये इशारा है और पुलिस इशारे को नजरअंदाज कर रही है। |