Indian Railways News => | Topic started by AllIsWell on Sep 07, 2012 - 20:00:17 PM |
Title - रेलवे द्वारा सुरक्षा जांचPosted by : AllIsWell on Sep 07, 2012 - 20:00:17 PM |
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रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री भरत सिंह सोलंकी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय रेलवे ने जो संरक्षा मानक अपनाए हैं वे वैश्विक मानदंडों के तुल्य हैं। आग की आपात स्थितियों से निपटने के लिए सभी गाड़ियों के एसएलआर (गार्ड-सह-ब्रेकवेन) और इंजन में अग्नि शामक मुहैया कराए गए हैं। इसके अलावा, गाड़ियों के सभी एसी डिब्बों और पैंट्री कार में भी अग्नि शामक मुहैया कराए गए हैं। गाड़ियों में लगाए गए सभी दरवाजे और आपात खिड़कियां चालू हालत में हैं। गलियारे सटे डिब्बों के लिए वेस्टिब्यूल्स निकास मार्ग का काम करते हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि सभी सुरक्षा उपकरणों की समय-समय पर जांच की जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी अग्निशामकों को तय समय पर दुबारा भर दिया गया है। संबंधित प्रत्येक विभाग द्वारा कर्मचारियों के अग्निशामक उपकरणों को चलाने की जानकारी परखने के लिए नियमित रूप से अभ्यास किया जाता है। भारतीय रेलवे ने आग की दुर्घटनाओं को न्यूनतम करने के लिए अग्नि रोधक आंतरिक फिनिशिंग सामग्रियां अपनाई हैं जिनमें वॉल पैनलिंग, फ्लोरिंग, रूफ पैनलिंग आदि शामिल हैं।भारतीय रेलवे द्वारा दो तरह की संरक्षा लेखा-परीक्षा नियमित रूप से कराई जा रही है अर्थात एक संबंधित रेलवे द्वारा अपनी मंडलों को दो माह में एक बार और दूसरी अंतर-रेलवे संरक्षा लेखा-परीक्षा जो वर्ष में दो बार अर्थात जनवरी से जून और जुलाई से दिसंबर के बीच कराई जाती है। सिविल, यांत्रिकी, सिग्नल, बिजली और संरक्षा विभागों के पांच वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड के अधिकारियों की एक टीम द्वारा संरक्षा लेखा परीक्षा की जाती है। टीमें लेखापरीक्षा/निरीक्षण करती हैं और सहायक गतिविधियों, स्टॉफ ट्रेनिंग सामग्री सप्लाई, निधियों की उपलब्धता, सिस्टम विफलता, गलत नीतियों/नियमों सहित प्रणाली में पाई गई बारीक से बारीक कमियों पर अपना फोकस करती है। जोनल रेलें अपनी रिपोर्ट/की गई कार्यवाही संबंधी नोट रेल मंत्रालय को प्रस्तुत करती हैं। रेलवे बोर्ड द्वारा इन रिपोर्टों का विश्लेषण किया जाता है और जब कभी आवश्यक होता है तो वह उन्हें आवश्यक निर्देश जारी करती है। |