Indian Railways News => | Topic started by messanger on Nov 22, 2012 - 09:00:42 AM |
Title - रेलवे जंक्शन के लिए नए सिरे से चिह्नित होगी जमीनPosted by : messanger on Nov 22, 2012 - 09:00:42 AM |
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ग्रेटर नोएडा : बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के विस्तार को लेकर दस साल बाद भी कोई फैसला नहीं हो पाया है। जंक्शन के निर्माण को लेकर अब नए सिरे से जमीन चिन्हित की जाएगी। इसके लिए बोड़ाकी के साथ ही अजायबपुर रेलवे स्टेशन के आसपास जमीन देखी जा रही है। जमीन चिन्हित करने को लेकर अगले सप्ताह प्राधिकरण कार्यालय में मुख्य कार्यपालक अधिकारी रमा रमण की अध्यक्षता में बैठक होगी। जिस पर जमीन चिन्हित करने पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। जमीन का प्रस्ताव दिल्ली मुंबई रेलवे औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) को सौंपा जाएगा। जंक्शन का निर्माण अब प्राधिकरण के बजाय डीएमआईसी करेगा। डीएमआईसी ही जंक्शन को रेलवे मंत्रालय से मंजूरी कराने को लेकर अब पैरवी करेगा।ग्रेटर नोएडा में एनसीआर का सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन बोड़ाकी में बनाने को लेकर दस पूर्व प्राधिकरण ने फैसला लिया था। प्राधिकरण ने इसके लिए बोड़ाकी रेलवे स्टेशन के पास जमीन चिन्हित किया था। जंक्शन की मंजूरी को लेकर प्राधिकरण अधिकारियों की रेलवे मंत्रालय के अधिकारियों से कई दौर की बैठक हुई। 2007 में जंक्शन को लेकर रेलवे व प्राधिकरण के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुआ। जिसमें रेलवे व प्राधिकरण के बीच निर्माण व खर्च को लेकर सहमति बनी। एमओयू को प्रदेश सरकार से मंजूरी के लिए भेजा गया। शासन स्तर पर जंक्शन को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया। एमओयू का प्रस्ताव शासन में लटका रहा। कुछ साल बाद रेलवे ने एमओयू को निरस्त कर दिया। दिल्ली मुंबई रेलवे औद्योगिक कॉरिडोर के निर्माण का केंद्र स्तर पर फैसला हुआ। जिसमें डीएमआईसी को गेटवे बोड़ाकी रेलवे स्टेशन बनाने का निर्णय हुआ। दो साल पूर्व डीएमआईसी ने जंक्शन के निर्माण को लेकर दिलचस्पी दिखाई। प्राधिकरण व डीएमआईसी के बीच फैसला हुआ कि रेलवे के साथ मिलकर जंक्शन का निर्माण डीएमआईसी करेगा। प्राधिकरण को सिर्फ आसपास की जमीन चिन्हित कर उसका अधिग्रहण करने के बाद डीएमआईसी को देना होगा। बोड़ाकी के पास जंक्शन व अन्य सुविधाओं के लिए जमीन कम होने के बाद अजायबपुर रेलवे स्टेशन के आसपास भी जमीन चिन्हित करने के लिए कहा गया। जमीन को लेकर प्राधिकरण अभी तक फैसला नहीं कर पाया है। जिस पर अगले सप्ताह तक निर्णय होने की संभावना है। |