Indian Railways News => | Topic started by nikhilndls on Jun 12, 2013 - 18:02:08 PM |
Title - रेलवे का तत्काल सिस्टम ही परेशानी बढ़ाने वाली है।Posted by : nikhilndls on Jun 12, 2013 - 18:02:08 PM |
|
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : ट्रेन की यात्र पहाड़ चढ़ने जैसी हो गई है। सामान्य आरक्षित श्रेणी में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो लोग तत्काल की तरफ भाग रहे हैं। यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। कई रातें जागने और लाइन में लगने के बाद भी हाथ में वेटिंग टिकट ही आ रहा है। आलम यह है कि काउंटरों पर बुकिंग शुरू होने के बाद कंप्यूटर पर यात्रियों का नाम दर्ज करते ही सारे टिकट बुक हो जा रहे हैं। यात्री परेशान हैं, कोई समाधान नहीं निकल रहा। 1स्थितियों पर नजर डालें तो रेलवे का तत्काल सिस्टम ही परेशानी बढ़ाने वाली है। दलालों की बढ़ती सेंधमारी को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने 21 नवंबर 2012 को ही टिकट लेने का समय 48 से घटाकर 24 घंटे कर दिया। इसके बाद भी दलालों की सक्रियता घटी नहीं। तू डाल-डाल मैं पात-पात वाली कहावत चरितार्थ करते हुए वे इसकी भी काट निकाल चुके हैं। स्थिति यह है कि 10 बजे बुकिंग शुरू होते ही टिकट भी बुक हो जाते हैं। लाइन में लगे पहले और दूसरे लोगों को भी टिकट नहीं मिल पाता। स्लीपर के 4 से 5 यात्रियों को तो टिकट मिल भी जाती है लेकिन एसी के यात्रियों को वह भी नहीं मिल पाती। 1प्राइवेट आइडी के जरिए निकाल रहे टिकट : सुबह 10 से 12 बजे तक प्राइवेट एजेंट तत्काल टिकट नहीं प्रदान कर सकते। दलालों की सेंधमारी रोकने के लिए रेलवे प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। दलाल अलग-अलग नाम से आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर प्राइवेट आइडी बनाकर घर बैठे तत्काल टिकट निकाल ले रहे हैं। पीआरएस पर लोग व अन्य रेलकर्मी हाथ मलते रह जा रहे हैं। 112 घंटे पहले रात में ही लग जाती है लाइन : सुबह 10 बजे से काउंटर पर तत्काल टिकट की बुकिंग शुरू होती है। लेकिन, रात 10 बजे से ही गेट पर लोगों की भीड़ जुट जाती है। यही नहीं सुबह 6 बजे ही कार्यालय के बाहर तथा 7 बजे से काउंटर के पास लाइन लग जाती है। 1जागरण संवाददाता, गोरखपुर : ट्रेन की यात्र पहाड़ चढ़ने जैसी हो गई है। सामान्य आरक्षित श्रेणी में कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा तो लोग तत्काल की तरफ भाग रहे हैं। यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है। कई रातें जागने और लाइन में लगने के बाद भी हाथ में वेटिंग टिकट ही आ रहा है। आलम यह है कि काउंटरों पर बुकिंग शुरू होने के बाद कंप्यूटर पर यात्रियों का नाम दर्ज करते ही सारे टिकट बुक हो जा रहे हैं। यात्री परेशान हैं, कोई समाधान नहीं निकल रहा। 1स्थितियों पर नजर डालें तो रेलवे का तत्काल सिस्टम ही परेशानी बढ़ाने वाली है। दलालों की बढ़ती सेंधमारी को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने 21 नवंबर 2012 को ही टिकट लेने का समय 48 से घटाकर 24 घंटे कर दिया। इसके बाद भी दलालों की सक्रियता घटी नहीं। तू डाल-डाल मैं पात-पात वाली कहावत चरितार्थ करते हुए वे इसकी भी काट निकाल चुके हैं। स्थिति यह है कि 10 बजे बुकिंग शुरू होते ही टिकट भी बुक हो जाते हैं। लाइन में लगे पहले और दूसरे लोगों को भी टिकट नहीं मिल पाता। स्लीपर के 4 से 5 यात्रियों को तो टिकट मिल भी जाती है लेकिन एसी के यात्रियों को वह भी नहीं मिल पाती। 1प्राइवेट आइडी के जरिए निकाल रहे टिकट : सुबह 10 से 12 बजे तक प्राइवेट एजेंट तत्काल टिकट नहीं प्रदान कर सकते। दलालों की सेंधमारी रोकने के लिए रेलवे प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। दलाल अलग-अलग नाम से आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर प्राइवेट आइडी बनाकर घर बैठे तत्काल टिकट निकाल ले रहे हैं। पीआरएस पर लोग व अन्य रेलकर्मी हाथ मलते रह जा रहे हैं। 112 घंटे पहले रात में ही लग जाती है लाइन : सुबह 10 बजे से काउंटर पर तत्काल टिकट की बुकिंग शुरू होती है। लेकिन, रात 10 बजे से ही गेट पर लोगों की भीड़ जुट जाती है। यही नहीं सुबह 6 बजे ही कार्यालय के बाहर तथा 7 बजे से काउंटर के पास लाइन लग जाती है। 1 |