Indian Railways News => | Topic started by railgenie on Jul 29, 2012 - 18:01:11 PM |
Title - रेलवे इतिहास में जुड़ा नया अध्याय * चिरेका में प्रोपलशन सिस्टम थ्री फेज इंजन का हुआ निर्माणPosted by : railgenie on Jul 29, 2012 - 18:01:11 PM |
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चितरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) ने वेहिकल कंट्रोल यूनिट के अनुरूप ट्रेन संचार नेटवर्क के साथ पूर्ण आइजीबीटी आधारित प्रोपलशन सिस्टम के साथ थ्री फेज रेल इंजन (डब्ल्यूएजी-9) का निर्माण कर एक मील का पत्थर हासिल किया है.अब तक जो थ्री फेज रेल इंजन चिरेका में निर्माण किया जा रहा था, वह जीटीओ प्रोपलशन सिस्टम पर आधारित था. जुलाई, 2012 में रेलइंजन सं. 31347, दक्षिण मध्य रेलवे के लालागुडा शेड के लिए भेजा गया.1990 के दशक में भारतीय रेल ने एबीबी/स्विट्जरलैंड से चिरेका में प्रमुख थ्री फेज रेल इंजन उत्पादन के लिए एक प्रौद्योगिकी स्थानांतरण के तहत 1998 से उत्पादन प्रारंभ किया था.इन इंजनों में, एबीबी के स्वामित्व एमआइसीएएस-एस2 संचार प्रोटोकॉल आधारित, वेहिकल कंट्रोल यूनिट जो कि गेट टर्न ओफ पर आधारित प्रोपलशन सिस्टम है. इस तरह के संचार, इंजनों में विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के बीच संचार के लिए आवश्यक है.प्रौद्योगिकी के उन्नयन के कारण प्रोपलशन सिस्टम के लिए नवीनतम सवरेत्कृष्ट आइजीबीटी प्रौद्योगिकी के लिए वेहिकल कंट्रोल यूनिट आधारित एक मानक संचार प्रोटोकॉलल अपनाने की जरूरत आन पड़ी थी.यह आइजीबीटी आधारित प्रोपलशन सिस्टम अपने छोटे आकार, उच्च क्षमता, बेहतर परिचालन नियंत्रण, माडय़ूलर निर्माण और सुधार घटकों के साथ नियंत्रण इलेक्ट्रानिक्स के उपयोग के कारण काफी फायदेमंद है.इसी तरह ट्रेन संचार नेटवर्क के लिए वर्तमान दुनिया भर में अपनाया गया अंतरराष्ट्रीय मानक आइस्इसी 61375 वीसीयू के इस्तेमाल से स्वामित्व संचार प्रोटोकॉल की निर्भरता दूर करेगा. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में उन्नति के कारण कम संख्या की इलेक्ट्रोनिक कार्ड का उपयोग से अधिकतर लाभ हुआ है.आइजीबीटी आधारित प्रोपलशन सिस्टम की पूरी प्रणाली और ट्रेन संचार नेटवर्क के अनुरूप वेहिकल कंट्रोल यूनिट, भेल द्वारा आपूर्ति की गयी है. ऐसे प्रणाली युक्त 30 सेट की आपूर्ति के लिए आर्डर दिये जा रहे हैं.आइजीबीटी आधारित प्रोपलशन सिस्टम और टीसीएन अज्ञाकारी वीसीयू का उपयोग से भारत इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के निर्माण के क्षेत्र में एक नए युग का आरंभ माना जा रहा है. |