Indian Railways News => | Topic started by irmafia on Jun 04, 2012 - 16:00:09 PM |
Title - यूरोप का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशनPosted by : irmafia on Jun 04, 2012 - 16:00:09 PM |
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स्विस ट्रेन ड्राइवर थोमस लांज को हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना पड़ता है। असाधारण जंगफ्राऊबान रेलवे के इन्चार्ज के तौर पर उन्हें जरूरत पडऩे पर तुरंत मुरम्मत करने, पटरी से बर्फ हटाने, फस्र्ट एड प्रदान करने से लेकर घबराए पर्यटकों को शांत करने तक जैसे काम करने पड़ सकते हैं। वह मुस्कुराते हुए कहते हैं, ‘यह सफर कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है।’पिछले साल ही साढ़े 7 लाख से अधिक पर्यटकों ने यूरोप के सबसे ऊंचे स्टेशन जंगफ्राऊजोक तक ले जाने वाली जंगफ्राऊबान रेलवे से सफर किया। 100 साल पहले चालू हुई यह रेलवे लाइन एक सदी से इसी तरह पर्यटकों को आकॢषत करती रही है।1912 में इस रेलवे लाइन का उद्घाटन किया गया था।तीन पर्वतों इगर, मुएंक तथा जंगफ्राऊ से सजे इस रमणीय इलाके को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने का मुख्य श्रेय इसी रेलवे को जाता है। 2061 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शहर क्लेइन स्केइडेग से एल्तेस्च ग्लेशियर के मुहाने तक जाने में 50 मिनट का समय लगता है। यहां इस रेलवे के तहत चलने वाली ट्रेन का 12 किलोमीटर का सफर शुरू होता है।यह ट्रेन विद्युत ट्रैक पर 3454 मीटर की ऊंचाई पर स्थित जंगफ्राऊजोक तक ले जाती है। इस ट्रेन का अधिकतर सफर पर्वतों के बीच खोदी सुरंगों से होकर गुजरता है।सुरंगों के मध्य पर्यटकों के लिए 2 स्टेशन बनाए गए हैं जहां पर्वतों में बनी खास खिड़कियों में से पर्यटक नजदीक स्थित पर्वतों के विहंगम दृश्य को निहार सकते हैं। यूरोप के सबसे ऊंचे रेलवे स्टेशन तथा बर्फ से हमेशा ढंके रहने वाले जंगफ्राऊजोक स्टेशन पर पहुंचते ही आमतौर पर पर्यटक सबसे पहले ऑब्जर्वेशन टावर पर जाते हैं। यदि मौसम साफ हो तो यहां से दक्षिण की ओर 22 किलोमीटर तक फैला ग्रेट एल्तेस्च ग्लेशियर स्पष्ट दिखाई देता है। उत्तर में जर्मनी में स्थित ब्लैक फॉरैस्ट और वोस्गेस पर्वत शृंखला तक दिखाई देती है।यहां आने वाले पर्यटकों में से दो-तिहाई एशिया से होते हैं जिनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है।यूनैस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल इस इलाके की अनोखी धरातल से यह रेलवे जरा भी छेड़छाड़ नहीं करती है। |