Indian Railways News => | Topic started by messanger on Jul 24, 2012 - 12:01:21 PM |
Title - यहां सिर्फ इंतजारPosted by : messanger on Jul 24, 2012 - 12:01:21 PM |
|
गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे में बस इंतजार है। इंतजार टिकट का, सीट का। सीट मिल गई तो समय से पहुंचने का इंतजार। यहां तक तो ठीक है, यहां निर्माण कार्यो में भी इंतजार है। इसका सीधा असर सफर पर पड़ रहा है। आलम यह कि पैच डबलिंग का जमीनी कार्य जमीन पर कम वादों पर कहीं ज्यादा चल रहा है। कार्य पूरा करने का निर्धारित वर्ष बीत गया पर वादों का झुनझुना साथ है। चौकाघाट- घाघराघाट करीब 6 किमी को छोड़ दिया जाए तो लखनऊ मंडल में पैच डबलिंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। हालांकि, इस कार्य की मंजूरी वर्ष 2006-07 में ही मिल गई थी। अब महज 6 किमी के लिए करीब 91 करोड़ खर्च करने पड़ रहे हैं। विभाग का कहना है कि 60 फीसद कार्य पूरा हो चुका है। यहां तक तो ठीक है लेकिन वाराणसी मंडल की स्थिति बेहद दयनीय है। सरदार नगर से भटनी तक 51 किमी की लाइन आज भी सिंगल है, जबकि इसके लिए वर्ष 2006-07 में ही रेलवे बोर्ड की मंजूरी मिल गई थी। पर, कार्य की गति को देखकर नहीं लगता है कि यह फिर रेलवे के वादों पर खरा उतर पाएगा। स्थिति यह है कि गोरखपुर कैंट से बैतालपुर लगभग 35 किमी का कार्य आज भी अधर में लटका है। इस खंड पर महज 60 फीसद ही कार्य हो पाए हैं जबकि विभाग का कहना है कि करीब 25 किमी का कार्य पूरा हो चुका है। शेष पर कार्य तेजी से चल रहा है। सभी बड़े पुल बन गए हैं। 5 छोटे पुलों का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। इसको पूरा करने में 160 करोड़ रुपये की लागत पहुंच चुकी है। दूसरी तरफ बैतालपुर से भटनी 30 किमी का कार्य भी आज तक अधूरा है। भटनी से भाटपाररानी तक करीब 15 किमी का कार्य भी सवारी गाड़ी की तरह ही चल रहा है। दूसरी तरफ रेलवे मंत्रालय ने 2011- 12 में औड़ीहार- मंडुआडीह 38 किमी तथा वर्ष 2012- 13 में छपरा- बलिया 65 किमी के पैच डबलिंग के लिए मंजूरी प्रदान कर दी। कुल 103 किमी के लिए 455 करोड़ रुपये का बजट भी पास कर दिया है। उल्लेखनीय है कि बाराबंकी से छपरा तक करीब 430 किमी रेलवे लाइन के पैच डबलिंग की घोषणा हुई तो पूर्वाचल के लोगों के चेहरे खिल उठे। सोचा, चलो गाड़ियों के विलंबन से शीघ्र छुटकारा मिल जायेगा। पर, आज तक यह कार्य पूरा नहीं हो सका है। साल दर साल बजट बढ़ता गया। यानी, रेलवे को आर्थिक चपत तो यात्रियों को बस इंतजार। यह स्थिति तब है जब पिछले साल तत्कालीन महाप्रबंधक केबीएल मित्तल ने वाराणसी मंडल के कार्यो की गहन समीक्षा की थी। अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए निर्देशित भी किया था। ............ ''पैच डबलिंग का कार्य रेलवे प्रशासन की प्राथमिकताओं में है। महाप्रबंधक ने अधूरे कार्यो को शीघ्र पूरा करने का निर्देश जारी कर दिया है। कार्य तेजी से चल रहा है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। अमित सिंह, सीपीआरओ- पूर्वोत्तर रेलवे |