Indian Railways News => Topic started by RailEnquiry Admin on Jun 10, 2017 - 11:57:41 AM


Title - भारतीय रेलवे के लिए ये गर्व या शर्म - इस वर्ष एक बार भी समय पर नहीं पहुंची देश की पहली हमसफ़र ट्रेन
Posted by : RailEnquiry Admin on Jun 10, 2017 - 11:57:41 AM

देश की पहली हमसफ़र ट्रेन गोरखपुर से दिल्ली कि आनंदविहार कि बीच जब भारतीय रेलवे ने घोसणा की थी तब भारतीय रेलवे को ये कहते हुए काफी गौरवान्वित महसूस हुआ था की वो आम यात्रियों को भी विलसिता पूर्ण सफर का आनंद करवाएगी और वो भी ज्यादा पैसे दिए बिना| पर हमेसा की तरह ये सपने ही रहे और ज्यादा पैसा देने के बावजूद यात्रियों को विलासिता का अनुभव तो नहीं हुआ परन्तु रेलवे के लिए शर्म की बात ये है कि इस वर्ष एक बार भी ये हमसफ़र अपने समय पर नहीं पहुँच सकी है | हाल ये है कि बारह घंटे में सफर पूरा करने वाली ये ट्रेन औसतन पांच घंटे दोनों तरफ से प्रतिदिन अधिक लेती है |
यात्री जितनी इसके अन्दर कि अव्य्स्वस्था से परेशान नहीं रहते उससे ज्यादा इसकी लेट लतीफी से रहते हैं | यात्रियों का कहना है की अगर इतना ही समय लेना था तो इसकी समय सारिणी ऐसी ही बनायीं जाती की ये बारह की बजाय सत्रह घंटे ले| 
यात्री इस ट्रेन से इस कदर दूर भाग रहे हैं की जहाँ अन्य दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में एक महीने बाद का भी रिजर्वेशन नहीं है वहीँ हमसफ़र में एक हफ्ते बाद का भी मिल जा रहा है | यात्रियों के लिए जहाँ इसे पहला विकल्प होना था वहां ये अंतिम विकल्प बन गयी है | 
runningstatus.in के डाटा विश्लेषम में पाया गया की गोरखपुर से आनंदविहार पहुँचने में इसे हर बार लगभग छह घंटे अधिक लगते हैं जबकि गोरखपुर पहुँचने में चार घंटे अधिक समय लगता ही है | 
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