| Indian Railways News => | Topic started by greatindian on Jun 21, 2013 - 03:01:44 AM |
Title - बर्दवान में हर रोज ट्रेन पर होता है कब्जाPosted by : greatindian on Jun 21, 2013 - 03:01:44 AM |
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बर्दवान सुपर नॉन स्टाप (इएमयू) पर दैनिक यात्री कर लेते हैं कब्जा महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा जाता बिहार के जमुई में ट्रेन पर माओवादी हमले की घटना अखबारों और टीवी चैनलों की सुर्खियां बनीं. यह ट्रेन तो जल्द ही माओवादियों के कब्जे से मुक्त हो गयी, लेकिन एक ऐसी ट्रेन भी है, जिस पर रोज कब्जा होता है. वह भी बिना हथियारों के. यह ट्रेन है बर्दवान-हावड़ा सुपर नॉन स्टॉप (इएमयू).बर्दवान स्टेशन पर दैनिक यात्रियों का आतंक सिर चढ़ कर बोलता है. वे सुनियोजित तरीके से रोजाना इस ट्रेन पर कब्जा जमा लेते हैं. आम यात्री ट्रेन में घुस ही नहीं पाता. मुश्किल से कोई इस ट्रेन में घुस कर किसी सीट पर बैठ गया तो दैनिक यात्री उसे र्दुव्यवहार कर सीट से उठा देते हैं. कभी-कभी तो ट्रेन से बाहर भी फेंक दिया जाता है. दैनिक यात्रियों का गिरोह महिलाओं और बच्चों से भी बदतमीजी से बाज नहीं आता. हालत यह है कि इनके आतंक से आम यात्री इस ट्रेन में घुसने की हिम्मत नहीं जुटा पाता. इस ट्रेन में सीट को लेकर रोजाना तू-तू मैं-मैं होती है.कभी-कभी मामला हाथापाई तक पहुंच जाता है. पूरा मामला अधिकारियों के संज्ञान में है, पर अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है.हावड़ा स्टेशन पहुंचे एक यात्री सोनू राय ने बताया कि उन्होंने बर्दवान स्टेशन पर अपनी एक्सप्रेस ट्रेन इसलिए छोड़ दी, क्योंकि लोकल ट्रेन से वह जल्दी हावड़ा स्टेशन पहुंचना चाहते थे. लेकिन जब हावड़ा जाने वाली एक लोकल ट्रेन में सवार हुआ तो कुछ लोगों ने सीट पर बैठने नहीं दिया. हद तो तब हो गयी जब मुङो ट्रेन से उतरने के लिए मजबूर कर दिया गया. सोनू ही नहीं, उनके जैसे सैकड़ों लोग अपने परिवार के साथ ऐसी घटनाओं के शिकार हो रहे हैं. यह भी दिलचस्प है कि सीट की खातिर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो तक से र्दुव्यवहार करने वाले दैनिक यात्रियों में कोई अनपढ़ नहीं बल्कि सरकारी कार्यालयों में काम करने वाले बाबू, मैनेजर, अध्यापक और वकीलों के साथ रेलवे के कर्मचारी भी शामिल हैं. ये लोग हर रोज काम के सिलसिले में बर्दवान से इस ट्रेन में सवार होते हैं. |