Indian Railways News => | Topic started by nikhilndls on Aug 01, 2012 - 15:19:36 PM |
Title - बरबाडीह-अम्बिकापुर रेल परियोजना की फाइल से हटी धूल= मुम्बई से कोलकाता की दूरी इस मार्ग से 250 मील याPosted by : nikhilndls on Aug 01, 2012 - 15:19:36 PM |
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लगभग सत्तर वर्ष से धूल फांक रही बरबाडीह-अम्बिकापुर रेल परियोजना की फाइल पर से अब धूल हटती नजर आ रही है और इसका श्रेय चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी के खाते में जाता है। उनके अथक प्रयास से योजना आयोग ने इस रेल परियोजना को सशर्त सैध्दांतिक मंजूरी प्रदान कर दी हैं। पलामू प्रमंडल के लातेहार जिले के बरबाडीह से छतीसगढ़ के अम्बिकापुर-चिरमिरी रेल परियोजना वर्ष 1940 से जब कभी भी फाइलों से बाहर निकली, तुरंत उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। यह पहला मौका है जब इसकी फाइल योजना आयोग तक पहुंची है और योजना आयोग ने इसे सैध्दांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। योजना आयोग से इस चिरलंबित रेल परियोजना को मंजूरी मिलने से पलामू के लोगों की उम्मीदें फिर से जग गयी हैं। दरअसल, श्री नामधारी ने चतरा से सांसद निर्वाचित होते ही इस रेल परियोजना को पूरा कराने की दिशा में लगातार अपना प्रयास जारी रखा। कभी रेल मंत्रालय से उन्होंने इसके लिए गुहार लगायी तो कभी संसद में आवाज उठायी। व्यक्तिगत तौर पर विभिन्न विभागों के साथ इस सिलसिले में वह लगातार पत्राचार करते रहे। इसी का नतीजा है कि इस रेल परियोजना की फाइल योजना आयोग तक पहुंची और इस पर काम चालू होने का मार्ग प्रशस्त हुआ। श्री नामधारी ने गत 27 मार्च को योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया को पत्र लिखकर इस परियोजना की महता समझायी थी और इस दिशा में सार्थक पहल की अपेक्षा की थी। श्री अहलूवालिया ने नामधारी को पत्र लिखकर इस रेल परियोजना को सैध्दांतिक मंजूरी देने की बात कही है। हालांकि उन्होंने इसके लिए दो शर्तें भी रखी हैं। पहली शर्त है कि परियोजना के लिए जमीन मुफ्त देना होगा और दूसरी शर्त है- सीसीएल जैसी कंपनियों को इस परियोजना के निर्माण में अपनी सहभागिता निभानी होगी। दोनों ही शर्तों को पूरा करना मुश्किल नहीं हैं। |