Indian Railways News => | Topic started by RailXpert on Sep 22, 2013 - 00:00:24 AM |
Title - पूजा के दौरान सभी ट्रेनें हाउसफुल घर आना-जाना हुआ मुहाल तत्काल टिकट का ही बचा सहारा छठ तक बिहार आने-Posted by : RailXpert on Sep 22, 2013 - 00:00:24 AM |
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छपरा निवासी आशुतोष कुमार सिंह अपनी प}ी व दो बच्चों के साथ नोएडा में रहते हैं। वहां उनका अपना व्यवसाय है। छपरा में उनकी मां रहती हैं और छठ पर्व पर परिवार के सभी सदस्य घर आते हैं। मां उम्र दराज हो चली हैं इसलिए इस वर्ष से आशुतोष की प}ी को छठ व्रत करना है। उन्हें 1 नवंबर को छपरा आना है। इसलिए 2 सितंबर से ही रेलवे टिकट काउंटर का चक्कर लगा रहे हैं। अभी तक उन्हें आरक्षित टिकट नहीं मिला।1रेलवे 60 दिन पूर्व आरक्षित टिकटों की बुकिंग करता है। हर दिन वे आरक्षण काउंटर खुलने से पूर्व लाइन में खड़े होते हैं, लेकिन उनका नंबर आने तक सीटें फुल हो जा रही हैं। आशुतोष की तरह कई ऐसे लोग हैं जो आधी रात के बाद से ही टिकट काउंटर के बाहर जमा हो जाते हैं, जिससे उन्हें कंफर्म टिकट मिले। हवाई टिकटों की कीमतें पहले से ही आसमान छू रहीं हैं, इसलिए यह विकल्प उनके लिए पहले ही बंद है। 1आशुतोष तो बानगी मात्र हैं। ऐसी ही स्थिति मुंबई, बंगलुरू , कोलकाता, विशाखापतनम, सूरत, अहमदाबाद, पुणो, चेन्नई, हैदराबाद समेत तमाम छोटे-बड़े शहरों से आने वाली ट्रेनों की है। वहां रहने वाले बिहारी हर हाल में पूजा के दौरान घर आना चाहते हैं। मौजूदा ट्रेनों यात्रियों की संख्या के हिसाब से नाकाफी हैं। लंबी दूरी की लगभग सभी ट्रेनें छठ तक हाउसफुल हो चुकी हैं। कई ट्रेनों में अभी से नो रुम की स्थिति है। टिकट दलालों के पास एडवांस बुकिंग इतनी है कि वे नया बयाना नहीं ले रहे। |