पहले घोड़े खींचते थे ट्रेन by RailXpert on 07 December, 2012 - 03:00 PM | ||
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RailXpert | पहले घोड़े खींचते थे ट्रेन on 07 December, 2012 - 03:00 PM | |
अमूमन आज की पीढ़ी यही जानती है कि देश में पहली ट्रेन 1853 में मुंबई से थाणो के बीच चली थी। इस ट्रेन ने 34 किलोमीटर की दूरी तय की थी। सामान्य ज्ञान की किताबों में भी अमूमन इसी का उल्लेख है। प्रतियोगिता परीक्षाओं में भी यही सवाल अक्सर पूछे जाते हैं। लेकिन रेल का अतीत जानना हो तो चलिए हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला। यहां रेल के अतीत से लेकर वर्तमान तक की कहानी चित्र व माडलों की जुबानी। रेल ग्राम आने वाले लोगों को सहज अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। जानकारियां पाकर लोग संतुष्ट भी दिख रहे हैं। हैरत में भी .. पहले घोड़ा और बैल ट्रेन को खींचते थे। हाथी से शंटिंग होती थी। और भी बहुत सारी जानकारियां। पूर्व मध्य रेल के सोनपुर रेल मंडल द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें गायकवाड़ बड़ौदा की 1863 की तस्वीर जिसमें बैलों की जोड़ी खींच रही है ट्रेन। वहीं अठारहवीं शताब्दी का वह दृश्य जिसमें घोड़े खींच रहे हैं ट्रेन। अश्वशक्ति द्वारा चालित रेल प्रणाली के संबंध में लोगों को जानकारी दी जा रही है। चौंकिए मत! इस मेले की शान गजराज (हाथी) पहले ट्रेन की शंटिंग करता था।चित्र के जरिये यह बताया गया है कि उस जमाने में इंजन की कमी के कारण हाथी द्वारा ट्रेन की शंटिंग की जाती थी। तस्वीर के जरिये वह दृश्य भी दिखाया गया है जब ट्रेन की खिड़की में लोहे की ग्रिल नहीं हुआ करती थी। आजादी के पहले का वह दृश्य जब अंग्रेज अफसर रेल की यात्र करते थे वहीं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर जवाहर लाल नेहरू एवं अन्य बड़े राजनेताओं की ट्रेन यात्रओं का भी जिक्र तस्वीर के जरिये। और भी बहुत कुछ जानकारियां अतीत की। |