Indian Railways News => | Topic started by puneetmafia on Aug 20, 2012 - 00:01:33 AM |
Title - दूसरे दिन भी टावर पर चढ़ा रहा फौजीPosted by : puneetmafia on Aug 20, 2012 - 00:01:33 AM |
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नई दिल्ली : सेना में अधिकारियों की मनमानी व छुंट्टी नहीं दिए जाने से परेशान टावर पर चढ़ा फौजी दूसरे दिन भी नीचे नहीं आया। शनिवार को नीचे उतारने के लिए सेना के कई अधिकारी व पुलिसकर्मी उससे मिन्नतें करते रहे, लेकिन वह नहीं माना। फोन से बात करने पर फौजी के. मुथू ने दैनिक जागरण से कहा कि जब तक रक्षा मंत्री एके एंटनी उससे बात नहीं करते तब तक वह नीचे नहीं उतरेगा। क्योंकि सेना के अधिकारियों से बात करने से कोई फायदा नहीं है। उनकी कथनी व करनी में बहुत फर्क है। नीचे उतरने के बाद वे दोबारा से अपने वादों से मुकर जाएंगे। हालांकि, उसने कूद कर आत्महत्या करने की बात से इन्कार किया। फौजी ने स्पष्ट किया कि वह सेना में निचले स्तर के कर्मचारियों के साथ हो रहे शोषण को लोगों के सामने लाना चाहता है। अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को डरा कर रखते हैं। उनकी बात नहीं मानने पर बगैर गलती के कर्मचारियों को सजा तथा यातनाएं दी जाती हैं। वह सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि सेना में शोषित हो रहे जवानों के लिए संघर्ष कर रहा है। पिछले तीन दिनों से उसने खाना नहीं खाया है। भारतीय सेना के इंजीनियरिंग रेजिमेंट में काम करने वाला फौजी के. मुथू शोले फिल्म के अंदाज में शुक्रवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के समीप टेलीफोन टावर पर चढ़ गया था। तकरीबन 200 फुट ऊंचे टावर के आधी दूरी पर चढ़ उसने अपना मांग पत्र लोगों को दिया था। पत्र में उसने सेना के अधिकारियों द्वारा अपने साथ की गई ज्यादतीयों को लिखा है। उसने अधिकारियों पर छुंट्टी नहीं देने तथा मारपीट जैसे कई आरोप भी लगाए हैं। तमिलनाडु निवासी के. मुथू वर्ष 1998 में भारतीय सेना में खेल कोटे से भर्ती हुआ था। वह पांच वर्ष तक इंजीनियरिंग रेजिमेंट के ग्रुप स्पोर्ट्स कंपनी रूड़की में तैनात था। वहां वह भारत्तोलन में आर्मी चैंपियनशिप भी जीत चुका है। वर्तमान में वह राजस्थान के कोटा में कार्यरत है, लेकिन जुलाई से ही जवान बगैर छुंट्टी की स्वीकृति के यूनिट से गायब है। वह बेंगलुर से स्पाइस जेट के विमान से शुक्रवार को राजधानी पहुंचा था। दिल्ली आने के बाद वह सीधा मिंटो रोड गया तथा टावर पर चढ़ गया था। टावर पर फौजी के चढ़े होने की सूचना मिलने पर वहां सेना के कई अधिकारी, पुलिसकर्मी पहुंच गए थे। फायर विभाग के अधिकारियों ने हाइड्रोलिक प्लेटफार्म के माध्यम से उसे उतारने का काफी प्रयास किया लेकिन वह नीचे नहीं उतरा। दूसरे दिन भी सेना के अधिकारियों द्वारा उसे मनाने का सिलसिला जारी था। घटनास्थल पर नीचे से फोन पर अधिकारी अपना परिचय दे फौजी से सहानुभूति जताते तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही उसकी आठ महीने की तनख्वाह इत्यादि दिलवाने का भरोसा दिला नीचे उतरने का आग्रह करते रहे, लेकिन फौजी रक्षा मंत्री से बात किए बगैर नीचे उतरने को तैयार नहीं हुआ। खबर लिखे जाने तक के. मुथू को टावर से नहीं उतारा जा सका था। सेना के कर्मियों के मुताबिक मुथू सनकी इंसान है। वह पहले भी बेंगलुर में अपनी मांगों को लेकर टावर पर चढ़ गया था। वहीं इस वर्ष के शुरुआत में उसे एक महीने मेंटल वार्ड में भर्ती भी रखा गया था। |