Indian Railways News => | Topic started by Mafia on Sep 20, 2013 - 21:01:13 PM |
Title - तीस किलोमीटर तक ट्रेनों की सुरक्षा भगवान भरोसेPosted by : Mafia on Sep 20, 2013 - 21:01:13 PM |
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जागरण संवाददाता, गोरखपुर : नरकटियागंज-गोरखपुर रूट पर करीब तीस किलोमीटर तक ट्रेनों की सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है। यह वह इलाका है, जिसमें घने जंगल और रेलवे ट्रैक के आसपास कई बड़े नाले होने की वजह से ट्रेनों को कासन (नियंत्रित गति से) पर चलाया जाता है। इस दूरी को तय करने के दौरान ट्रेनों में कोई सुरक्षा दस्ता नहीं रहता। इस समस्या की वजह बगहा और पनियहवां रेलवे स्टेशन के बीच दो रेल जोन की सीमा है। दरअसल पूर्व मध्य रेलवे की सीमा बगहा स्टेशन से आगे बाल्मीकि नगर रोड स्टेशन पर खत्म हो जाती है। इसीलिए उधर से आने वाली ट्रेनों में मौजदू आरपीएफ का सुरक्षा दस्ता बगहा रेलवे स्टेशन पर ही उतर जाता है। पूर्व मध्य रेलवे की सीमा जहां खत्म होती है, वहां से पूवरेत्तर रेलवे की सीमा शुरू होती है। इसलिए पूवरेत्तर रेलवे का सुरक्षा दस्ता पनियहवां में ट्रेन के आने का इंतजार करता है। बगहा से पनियहवां और पनियहवां से बगहा की तरफ जाने वाली ट्रेनों में इन दोनों रेलवे स्टेशनों के बीच कोई सुरक्षा दस्ता नहीं होता। जबकि, पूर्व मध्य के सुरक्षा दस्ता को पनियहवा तक आना चाहिए। सुरक्षा की इसी कमी का लाभ उठाकर बदमाश, बगहा और पनियहवां रेलवे स्टेशन के बीच इस घटना को अंजाम देने में सफल रहे।1ट्रेन में पहले से सवार थे बदमाश : जीआरपी की शुरुआती छानबीन और यात्रियों से पूछताछ में यह बात सामने आई है कि ट्रेन में बदमाश बेतिया स्टेशन पर ही सवार हो गए थे। बताते चलें कि दीपेश्वर भी बेतिया से ही बांद्रा के लिए ट्रेन में सवार हुआ था। हालांकि, बेतिया से बगहा तक बदमाशों ने एस-14 कोच के पीछे वाली कोच में यात्र की। बगहा में वे कोच संख्या एस-14 में सवार हुए थे। यहां से ट्रेन चलने के कुछ देर बाद ही उन्होंने गोली मारकर हत्या कर दी। इस कोच में कुल 49 बर्थ रिजर्व थे। इसमें बर्थ संख्या 1 से 48 तक अन्य यात्रियों के नाम से और इसके बाद बर्थ संख्या 71 दीपेश्वर के नाम से था। बाकी बर्थ आगे के स्टेशनों से रिजर्व थे। 1 |