Indian Railways News => | Topic started by puneetmafia on Jul 23, 2012 - 00:00:10 AM |
Title - ट्रेनें वही, बढ़ गए यात्रीPosted by : puneetmafia on Jul 23, 2012 - 00:00:10 AM |
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झांसी। हर साल यात्रियों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है, जबकि ट्रेनों की संख्या उतनी ही है। कोचों की संख्या भी जस की तस है। गर्मियों के सबसे व्यस्त सीजन पर नजर डालें तो पिछले वर्ष की तुलना में यात्रियों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है।यात्रियों की सुविधा के लिए प्रतिदिन झांसी से बीना, भोपाल और इटारसी की ओर 67, ग्वालियर, आगरा व दिल्ली की ओर 67, कानपुर की तरफ 28 व इलाहाबाद की तरफ 12 गाड़ियां उपलब्ध हैं। पहले जहां स्टेशन पर गर्मियों के व्यस्त सीजन या त्योहारों के दिनों में टिकट खिड़कियों पर मारामारी रहती थी, वहीं, अब यह नजारा आम हो गया है।पिछले वर्ष अप्रैल माह में झांसी स्टेशन से 06,29,828 यात्रियों ने टिकट खरीदे थे, वहीं अप्रैल 2012 में यह संख्या बढ़कर 06,57,923 हो गई। इसी तरह मई 2011 में 07,56,251 व इस साल 07,78,871 यात्रियों ने यात्रा की। इसी तरह, अप्रैल 2011 में 77,649 यात्रियों के नाम आरक्षित टिकट जारी हुए थे, जो इस साल अप्रैल माह में बढ़कर 79,711 हो गए। मई 2011 में 77,819 व मई 2012 में 91,608 यात्रियों के नाम आरक्षित टिकट जारी हुए। इसी तरह पिछले साल जून माह में 72,133 व इस साल 80,700 यात्रियों ने आरक्षित टिकट लिए।दरअसल, जिस हिसाब से यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उसे देखते हुए न तो ट्रेनों की संख्या में इजाफा हुआ और न ही यात्री सुविधाओं में। यात्रियों की संख्या बढ़ने से जनरल कोचों की हालत और भी बदतर होती जा रही है। अधिकांश ट्रेनों के जनरल कोचों में यात्रियों को शौचालय में बैठकर यात्रा करनी पड़ रही है। वहीं, आरक्षित कोचों में कंफर्म बर्थ मिलना किसी बड़ी सफलता से कम नहीं है। |