Indian Railways News => | Topic started by railgenie on Jul 29, 2012 - 18:00:44 PM |
Title - ट्रेन लूट कांड : दूसरे दिन भी छापेमारी में व्यस्त रही पुलिसPosted by : railgenie on Jul 29, 2012 - 18:00:44 PM |
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मोहीउद्दीननगर (समस्तीपुर) : मोहीउद्दीननगर रेलवे स्टेशन के उत्तरी सिग्नल के समीप बलिया-सियालदह एक्सप्रेस में लूट के सामान को अपराधियों द्वारा फेंके जाने के दूसरे दिन शुक्रवार को भी स्थानीय पुलिस सामान बटोरने में लगी रही। कुछ तो अपराधी ले गये, फिर ग्रामीण। शेष बचे सामान पुलिस लावारिश जगहों से बटोरती रही। किन्तु मामले का उदभेदन 48 घटे बाद भी नहीं हो सका। जबकि विद्यापतिनगर व मोहीउद्दीननगर की पुलिस इस लूट के बाद गहन छापेमारी करती देखी गई, किन्तु कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका। घटना के दूसरे दिन शुक्त्रवार को भी सामान की बरामदगी थमी नहीं और दिनभर रेल किनारे बसे घरों के आसपास से सामानों की बरामदगी होती रही। कई नामचीन चेहरे भी हैं जिनके घरों से पुलिस ने सामान को बरामद किया। यह सामान मोहीउद्दीननगर एवं विद्यापतिनगर थाना पर रखा जा रहा है। छापेमारी में जो सामान मिल रहे है वे सभी रेडिमेड के है। जो लाखों रूपये मूल्य की बताई जाती है। बरामद सामानों को देखने से पता चलता है कि अपराधियों के किसी चतुर गैंग ने इस बड़ी घटना को अंजाम दिया और सामानों को तबतक ले जाता रहा जबतक कि ग्रामीणों को इसकी भनक नहीं लगी। जब भनक लगी तो शेष सामानों को वहीं छोड़ दिया। थानाध्यक्ष हीरालाल प्रसाद ने बताया कि जैसे-जैसे सूचना मिल रही है वैसे-वैसे छापेमारी कर सामान बरामदगी की जा रही है। कुछ बातों को गुप्त रखते हुए बताया कि पूरे मामले का खुलासा रेल प्रशासन नहीं कर सकी। दूसरी ओर शाहपुर पटोरी के सहायक अवर रेल निरीक्षक सारनाथ सिंह ने बताया कि हमें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। मीडिया में छपी खबरों के बाद मुझे जानकारी मिली है। सामान बरामदगी के सवाल पर चुप्पी साधे निरीक्षक ने कहा कि मामले की विस्तृत जाच-पड़ताल के बाद खुलासा हो सकेगा। इनसेट ::: ======= घटना की भनक तक नहीं लगी रेल प्रशासन को :: अगले दिन मंडल रेल प्रशासन की टीम रही क्षेत्र में =========== जागरण प्रतिनिधिए मोहीउद्दीननगर (समस्तीपुर) : मोहीउद्दीननगर में हुई रेल लूट की घटना के बाद सोनपुर रेल मंडल के वरीय प्रशासनिक व सुरक्षा अधिकारी गुरूवार को पूरे दिन विद्यापतिनगर व शाहपुर पटोरी रेलवे स्टेशनों के बीच मौजूद रहे, बावजूद इसके लूट की घटना की उन्हें भनक भी न लगी और न तो मामले का उदभेदन ही किया जा सका। इससे स्पष्ट है कि रेल प्रशासन यात्रियों के सुरक्षित यात्रा के प्रति कितना सजग या लापरवाह है। सामानों को बरामद करने में पुलिस को जो सफलता मिली वह छोटी-मोटी बताई जाती है। अगर रेल प्रशासन इस ओर सक्त्रिय होती तो बहुत बड़ी सफलता मिल सकती थी। सूत्रों की माने तो पुलिस चूक गई। बताया जाता है कि बलिया-सियालदह एक्सप्रेस से सामान फेंके जाने की सूचना लोगों द्वारा रेल एवं स्थानीय पुलिस को ससमय दे दी गई थी किन्तु प्रशासन ने इसे हल्के में लिया। जब मामला तूल पकड़ने लगा पुलिस घटनास्थल पर पहुंची अवश्य, किन्तु कोई बड़ी सफलता अर्जित नहीं कर सकी। अगर रेल स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयास से गहन अभियान चलाया होता तो सामानों की बरामदगी के साथ-साथ अपराधियो की तहतक पहुंचा जा सकता था। किन्तु रेल प्रशासन जहा गुरूवार को आनेवाले अपने वरीय पदाधिकारी डीआरएम की सुरक्षा में व्यस्त रहें वहीं दूसरी ओर स्थानीय पुलिस अधिकार का उल्लंधन मानकर कोई सार्थक कदम नहीं उठा सकी। जिसका फायदा मुख्य रूप लुटेरे एवं उसके सहयोगियों को मिला और आराम से लूट की सामान को ले गये। पुलिस को जो सामान हाथ लगी, खोदा पहाड़ निकली चुहिया के समान थी। अवर निरीक्षक सारनाथ ने बताया कि रेल प्रशासन विस्तृत अभियान चलाने की योजना बना रही है। |