Indian Railways News => Topic started by nikhilndls on Oct 03, 2013 - 18:00:18 PM


Title - चेयरकार में लखनऊ का सफर कराएगी डेमू
Posted by : nikhilndls on Oct 03, 2013 - 18:00:18 PM

प्रतापगढ़। डेमू ट्रेन को चलाने में आने वाली बाधाओं का निराकरण कर लिया गया है। शीघ्र ही यह ट्रेन प्रतापगढ़ से लखनऊ के लिए चलने लगेगी। यात्री आरामदायक चेयरकार से लखनऊ तक सफर करेंगे।
डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डेमू) ट्रेन का संचालन नवरात्र से शुरू हो सकता है। इसके संचालन के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं हैं। ट्रेन में दोनों तरफ इंजन लगे होंगे। बीच में छह डिब्बे यात्रियों के बैठने के लिए हैं। इसमें आरामदायक चेयरकार लगी है। इसके साथ ही अधिक भीड़ होने पर लोगों के खड़े होने के लिए ऊपर इंगल में हुक लगाए गए हैं। ट्रेन के ट्रायल के लिए इसे लखनऊ से प्रतापगढ़ के लिए चलाया गया। रात में करीब ढाई बजे ट्रेन स्टेशन पहुंची और थोड़ी ही देर में लखनऊ के लिए फिर रवाना हो गई। ट्रेन में किसी प्रकार की खराबी आने पर उसे तुरंत ठीक करने के लिए पांच लोगों के ग्रुप को प्रशिक्षित भी किया गया। इसमें टेक्निशियन लाल बहादुर, गफ्फार, रज्जन लाल के साथ ही टेक्निशियन तृतीय सुरेश कुमार पटेल व सफाईकर्मी विष्णू मीना शामिल रहे। इसके अलावा भी कई लोगों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अभी शुरुआती दौर में इस पर दो टेक्नीशियन और दो सीएनडब्ल्यू विभाग के कर्मचारी चलेंगे।
डेमू ट्रेन तेजी से रुकेगी और तेजी से चलेगी। इसके लिए इसमें एयर ब्रेक की जगह इलेक्ट्रिक डीबी लगाई गई है। इससे यात्रियों को इसमें सावधानी से चढ़ना और उतरना होगा। अन्य ट्रेनों में डिब्बे का भार जमीन तक पहुंचाने के लिए स्प्रिंक शाकर लगे होते हैं। इस ट्रेन में एयरशाकर लगाए गए हैं। यानी अगर कहीं ट्रेन झटका खाती है तो यह झटका आराम से लगेगा।
इस ट्रेन में दोनों तरफ इंजन लगे होंगे। एक तरफ ड्राइवर तो दूसरी तरफ गार्ड बैठेगा। स्टेशन से लौटने की दशा में इंजन नहीं सिर्फ ड्राइवर और गार्ड अपनी जगह चेंज करेंगे। इसके डिब्बों को जोड़ने के लिए आधुनिक तकनीक वाले शेखू कपल लगाए गए हैं जो सिर्फ स्टेट लाइन होने पर ही खुलेंगे। इसके अलावा गाड़ी का बैलेंस ठीक करने के लिए दोनों तरफ बफर लगाए गए हैं। यानी इसे सुरक्षित भी करने का पूरा प्रयास किया गया है।
आम ट्रेनों में चेन पुलिंग करने पर उसकी ब्रेक का एयर निकलना शुरू हो जाता है। ऐसे में ट्रेन में स्वत: ब्रेक लगने शुरू हो जाते हैं। ड्राइवर उसे महज कुछ ही देर किसी तरह से खींचकर ले जा सकता है। इसमें चेन पुलिंग करने पर ड्राइवर के पास लगी बत्ती इंडीकेट करेगी साथ ही उसके साथ लगा बजर बजने लगेगा। ड्राइवर की मर्जी होगी तो ही वह ट्रेन रोकेगा। सीडीओ दिनेश कुमार यादव ने बताया कि ट्रेन का ट्रायल हो गया है। कई लोगों को प्रशिक्षित भी किया गया है। जल्द ही ट्रेन का संचालन शुरू किया जा सकता है।