Indian Railways News => | Topic started by greatindian on Sep 20, 2013 - 17:55:50 PM |
Title - गोरखपुर से दिल्ली के लिए एक भी ट्रेन नहींPosted by : greatindian on Sep 20, 2013 - 17:55:50 PM |
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जागरण संवाददाता, गोरखपुर : गर्मी की छुट्टी ही नहीं, अब तो तीज-त्योहार भी सताने लगे हैं। दिल्ली आदि महानगरों से घर आना मुश्किल हो गया है। यहां से जाना भी पहाड़ चढ़ने से कम नहीं है। तत्काल की सुविधा भी असुविधा बन गई है। उसमें भी दलालों की सेंधमारी कोढ़ में खाज का काम कर रही है। दीपावली और छठ के बाद कंफर्म आरक्षित टिकट ही नहीं मिल रहे हैं। 60 दिन पहले टिकटों की बुकिंग शुरू होते ही पलक झपकते ही गाड़ियां हाउस फुल हो जा रही है। करीब 5 मिनट में 500 टिकट बुक हो जा रहे हैं। 1गोरखपुर रेलवे स्टेशन स्थित आरक्षण कार्यालय में गुरुवार को सुबह 8 बजे आरक्षित टिकटों की बुकिंग हुई। देखते ही देखते 12553 वैशाली एक्सप्रेस की 60 दिन पहले के लिए 18 नवंबर के सारे आरक्षित टिकट आधे घंटे के अंदर बुक हो गए। 5 मिनट में ही करीब 500 टिकट की बुकिंग हो चुकी थी। 30 मिनट बाद लाइन में लगे यात्रियों के हाथ वेटिंग टिकट ही आया। वे हाथ मलते रह गए। इस गाड़ी में एसी प्रथम के अलावा औसत 10 कोच शयनयान के तथा 2-2 एसी टू व थ्री टियर के कोच लगते हैं। यानी, कुल 1000 आरक्षित बर्थ हैं। इसमें बिहार से लगायत कानपुर तक के यात्री दिल्ली तक की यात्र करते हैं। ऐसे में 60 दिन पहले जब बुकिंग शुरू हो रही है तो कुछ मिनटों में सभी बर्थ भर जा रहे हैं। यह स्थिति सिर्फ वैशाली की ही नहीं है, बल्कि दिल्ली जाने वाली लगभग सभी गाड़ियों की है। दीपावली और छठ के बाद की स्थिति तो और खराब हो गई है। सूत्रों के अनुसार अब तो घर बैठे नेट से टिकट उपलब्ध हो जा रहे हैं। 60 फीसद लोग नेट का ही प्रयोग कर रहे हैं। आरक्षण काउंटर पर जाते-जाते करीब सारे टिकट बुक हो जा रहे हैं। बता दें कि पूवरेत्तर रेलवे में कुल करीब 35 यात्री ट्रेन चलती हैं। उनमें से 15 एक्सप्रेस और करीब 20 सवारी गाड़ियां हैं। जबकि, सिर्फ यहीं से औसत 30 हजार यात्री रोजना यात्र करते हैं।जागरण संवाददाता, गोरखपुर : गर्मी की छुट्टी ही नहीं, अब तो तीज-त्योहार भी सताने लगे हैं। दिल्ली आदि महानगरों से घर आना मुश्किल हो गया है। यहां से जाना भी पहाड़ चढ़ने से कम नहीं है। तत्काल की सुविधा भी असुविधा बन गई है। उसमें भी दलालों की सेंधमारी कोढ़ में खाज का काम कर रही है। दीपावली और छठ के बाद कंफर्म आरक्षित टिकट ही नहीं मिल रहे हैं। 60 दिन पहले टिकटों की बुकिंग शुरू होते ही पलक झपकते ही गाड़ियां हाउस फुल हो जा रही है। करीब 5 मिनट में 500 टिकट बुक हो जा रहे हैं। 1गोरखपुर रेलवे स्टेशन स्थित आरक्षण कार्यालय में गुरुवार को सुबह 8 बजे आरक्षित टिकटों की बुकिंग हुई। देखते ही देखते 12553 वैशाली एक्सप्रेस की 60 दिन पहले के लिए 18 नवंबर के सारे आरक्षित टिकट आधे घंटे के अंदर बुक हो गए। 5 मिनट में ही करीब 500 टिकट की बुकिंग हो चुकी थी। 30 मिनट बाद लाइन में लगे यात्रियों के हाथ वेटिंग टिकट ही आया। वे हाथ मलते रह गए। इस गाड़ी में एसी प्रथम के अलावा औसत 10 कोच शयनयान के तथा 2-2 एसी टू व थ्री टियर के कोच लगते हैं। यानी, कुल 1000 आरक्षित बर्थ हैं। इसमें बिहार से लगायत कानपुर तक के यात्री दिल्ली तक की यात्र करते हैं। ऐसे में 60 दिन पहले जब बुकिंग शुरू हो रही है तो कुछ मिनटों में सभी बर्थ भर जा रहे हैं। यह स्थिति सिर्फ वैशाली की ही नहीं है, बल्कि दिल्ली जाने वाली लगभग सभी गाड़ियों की है। दीपावली और छठ के बाद की स्थिति तो और खराब हो गई है। सूत्रों के अनुसार अब तो घर बैठे नेट से टिकट उपलब्ध हो जा रहे हैं। 60 फीसद लोग नेट का ही प्रयोग कर रहे हैं। आरक्षण काउंटर पर जाते-जाते करीब सारे टिकट बुक हो जा रहे हैं। बता दें कि पूवरेत्तर रेलवे में कुल करीब 35 यात्री ट्रेन चलती हैं। उनमें से 15 एक्सप्रेस और करीब 20 सवारी गाड़ियां हैं। जबकि, सिर्फ यहीं से औसत 30 हजार यात्री रोजना यात्र करते हैं।रेलवे आरक्षण केन्द्र धर्मशाला बाजार।जागरणपूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए गोरखपुर से दिल्ली के लिए एक भी ट्रेन नहीं है। जबकि, सिर्फ गोरखपुर और बस्ती मंडल में ही 2 करोड़ से अधिक की आबादी है। गोरखपुर से चलने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस दिल्ली तक जा रही थी, लेकिन उसे भी अब हिसार तक चलाया जा रहा है। शेष आधा दर्जन गाड़ियां बिहार से आती है। जो पहले से ही हाउसफुल रहती है। बता दें कि पूर्वाचल से अधिकतर नौकरीपेशा, व्यापारी, छात्र, मरीज आदि हजारों की संख्या में लोग रोजना दिल्ली तक की यात्र करते हैं। 1यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पहले से ही दिल्ली-गोरखपुर-गुवाहाटी-कोलकाता रूट पर 6 स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा हो चुकी है। आगे की प्लानिंग की जा रही है। जरूरत पड़ी तो और ट्रेन चलाई जाएगी। ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जा रहे हैं। 1आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ |