Indian Railways News => | Topic started by riteshexpert on Jul 18, 2012 - 03:00:51 AM |
Title - गाड़ी संख्या 54559 का भव्य स्वागतPosted by : riteshexpert on Jul 18, 2012 - 03:00:51 AM |
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फाजिल्का : बैंड बाजे की धुनों पर थिरकते लोग.. रंग-बिरंगी आतिशबाजी..एक दूसरे का मुंह मीठा करवाते लोग..और लंगर का अटूट सिलसिला। यह नजारा था सोमवार को फाजिल्का रेलवे स्टेशन के नए प्लेटफार्म का, जहां नए ट्रैक पर चली नई गाड़ी का जोरदार स्वागत किया जा रहा था। अबोहर से चलकर फाजिल्का पहुंची रेलगाड़ी हालांकि पूरी तरह भर कर नहीं चली थी, लेकिन जैसे-जैसे रास्ते में पड़ने वाले गांवों बुर्ज मुहार, चूहड़ीवाला धन्ना, खुईखेड़ा व जंडवाला खरता स्टेशन आते गए, वैसे वैसे गाड़ी में तिल धरने तक की जगह भी नहीं बची। रास्ते में हर स्टेशन पर ग्रामीणों ने मिठाइयों व कोल्ड ड्रिंक पिलाकर रेल यात्रियों व चालक दल का स्वागत किया। फाजिल्का रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही गाड़ी का भव्य स्वागत किया गया। हजारों लोग क्षेत्र की छह दशक पुरानी मांग पूरी होने के अवसर के गवाह बनने के लिए स्टेशन पर मौजूद थे। जैसे ही गाड़ी स्टेशन पर पहुंची, उसमें सवार होकर आए विभिन्न दलों के नेताओं और आम यात्रियों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। गाड़ी चलवाने के लिए लगातार 45 दिन भूख हड़ताल करने वाले सांझा मोर्चा के पदाधिकारियों व सदस्यों ने सर्वधर्म सम्मेलन करवाकर गाड़ी की सफलता की कामना की। गुरुद्वारा श्री सिंह सभा के भाई कुलबीर सिंह ने अरदास की तो आर्य समाज की संरक्षक सुदेश नागपाल व एडवोकेट नवीन मक्कड़, सांझा मोर्चा के डा. एएल बाघला ने मंत्रोच्चारण किया। इस मौके पर ईसाई भाईचारे की ओर से फादर आफ चर्च और मुस्लिम भाईचारे के लोग भी मौजूद थे। पहली अप गाड़ी संख्या 54559 के चालकों में जोगिंदर सिंह व आरएस दहिया शामिल थे। यही गाड़ी डाउन 54560 के रूप में अबोहर रवाना हुई। पहले दिन रवानगी और फाजिल्का में स्वागत के चलते यह गाड़ी सुबह 11.05 की बजाय 11.20 बजे रवाना हुई और 12.15 पर पहुंचने की बजाय 12.35 बजे फाजिल्का पहुंची। ------------------ दैनिक जागरण ने बुलंद की आवाज फाजिल्का: सोमवार के सौभाग्यशाली दिन शुरू हुई फाजिल्का-अबोहर रेल चलाने के लिए जहां क्षेत्रवासियों ने कई संघर्ष किए, वहीं उनकी आवाज बुलंद करने में दैनिक जागरण का अहम योगदान रहा है। बता दें कि पिछले 45 दिन से चल रही भूख हड़ताल, लोगों की रेल अधिकारियों से मुलाकात और समय-समय पर हुए घटनाक्रम को जहां जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है, वहीं संघर्ष शुरू होने से पहले भी दैनिक जागरण ने रेल लाइन निर्माण के दौरान मंद पड़े कार्य का समय-समय पर खुलासा कर उसमें तेजी लाई थी। साथ ही रेललाइन निर्माण पूरा होने के बावजूद उस पर गाड़ियां न चलने और उसके चलते रास्ते में पड़ने वाले स्टेशनों से रेलवे संपत्ति चोरी होने का खुलासा भी दैनिक जागरण ने ही मार्च माह में किया था। उसके बाद ही पुलिस ने हरकत में आ रेलवे स्टेशन से लोहे के दरवाजे, खिड़कियां व अन्य सामान चुराने वाले आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की थी और रेल विभाग भी अपनी संपत्ति के प्रति सजग हुआ था। |