Indian Railways News => Topic started by puneetmafia on Sep 27, 2013 - 14:56:29 PM


Title - ओवर राइटिंग वाउचरों पर हजारों का डेबिट
Posted by : puneetmafia on Sep 27, 2013 - 14:56:29 PM

प्रतापगढ़। रेलवे ने कामर्शियल विभाग पर शिकंजा कस दिया है। अब वारंट तोड़ने वाले किसी भी फार्म पर ओवर राइटिंग को गंभीरता से लिया जा रहा है। इसके चलते लिपिकों पर हजारों रुपये का बकाया हो रहा है। हाल ही में तीन लिपिकों पर 54 हजार रुपये का बकाया घोषित किया गया है। इसमें एक स्थानांतरित लिपिक भी शामिल है।
रेलवे आरक्षण काउंटर पर वारंट तोड़ने, बोर्डिंग बदलने सहित तमाम आवेदन फार्मों को लेकर दिक्कत उत्पन्न हो गई है। फार्म में यदि कलम दो बार या फिर दो तरह की कलम चली तो उसे फर्जी माना जा रहा है। यात्री फार्म भरते समय गलती होने पर उसे काटकर ठीक करने का प्रयास करता है। लिपिक उसकी इस मजबूरी को समझते हुए फार्म ले लेते हैं। इस तरह की दरियादिली अब लिपिकों को भारी पड़ रही है। ओवरराइटिंग वाउचरों पर रेलवे ने अंकुश लगाने के लिए डेबिट (बकाया दिखाना) करना शुरू कर दिया है। जिस बाबू के हाथ फार्म जमा हुआ होता है उसके खाते में उतने रुपये बकाया कर दिए जा रहे हैं। स्टेशन के तीन लिपिक इसके दायरे में आए हैं। इनमें एक का ट्रांसफर हो चुका है। इनमें कुछ ऐसे फार्म हैं जिन पर दो तरह की कलम से लिखा गया है। इसके चलते अब आरक्षण काउंटर पर इस तरह के फार्मों की गहनता से जांच की जा रही है। यदि कोई ओवरराइटिंग हुई तो उसे अस्वीकार कर दिया जा रहा है। अधिकारियों ने ऐसे फार्मों की प्रति के साथ इस पैसे जमा कराने का निर्देश भी दे दिया है।
फार्मों पर ओवरराइटिंग को लेकर जब फार्म अस्वीकृत किए जाते हैं तो यात्री लिपिकों पर भड़क जाते हैं। खासतौर से वारंट तोड़वाने और बोर्डिंग चेंज कराने के समय ऐसी समस्या आती है। अक्सर जानकारी के अभाव में लोग ऐसी गलती कर बैठते हैं। जब वे फार्म लेकर काउंटर पर पहुंचते हैं तो फार्म रिजेक्ट कर दिए जाते हैं। ऐसे में यात्री आक्रोशित हो जाते हैं।
अधिकारियों ने ओवरराइटिंग के फार्मों के साथ ही अन्य गड़बड़ी वाले आवेदन फार्मों को अस्वीकार करने के साथ ही संबंधित बाबुओं को नोटिस थमा दिया है। बाबू यदि इसका उपयुक्त जवाब दाखिल कर इसे क्रेडिट नहीं कराते हैं तो उनकी तनख्वाह से यह पैसा काट लिया जाएगा। फार्मों में ऐसी कई छोटी-छोटी गलतियों की अनदेखी के लिए की गई कार्रवाई से लिपिकों में हड़कंप है। टीआई से वार्ता कर हल कराने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन वह भी इस मामले में हाथ डालने से कतरा रहे हैं।
सीआरएस भाईलाल रजक ने बताया कि ओवरराइटिंग यात्री करता है। पूर्ण संतुष्ट होेने के बाद ही फार्म लिया जाता है। बावजूद इसके डेबिट कर दिया गया है। अब ऐसे फार्मों को लेने से बाबुओं को रोक दिया जाए