Indian Railways News => | Topic started by railgenie on Aug 14, 2012 - 00:00:10 AM |
Title - एयरपोर्ट और रैपिड मेट्रो में भी चलेगा MOREPosted by : railgenie on Aug 14, 2012 - 00:00:10 AM |
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दिल्ली आज से देश का ही नहीं, बल्कि पूरे साउथ ईस्ट एशिया का पहला ऐसा शहर बन जाएगा, जहां के लोग एक ही कॉमन मोबिलिटी कार्ड के जरिए दो अलग-अलग तरह के पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर कर सकेंगे। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम के इंटिग्रेशन के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा डिवेलप किए गए कॉमन मोबिलिटी कार्ड 'मोर' को लोग रविवार से दिल्ली के मेट्रो सिस्टम में इस्तेमाल कर पाएंगे। दिल्ली में यह कार्ड 'मोर दिल्ली' के नाम से जाना जाएगा। इसके जरिए लोग मेट्रो के साथ फीडर बसों में भी सफर कर सकेंगे।'मोर दिल्ली' कार्ड कई और मायनों में बेहद खास साबित होगा। साल के अंत तक मेट्रो स्टेशनों के पार्किंग लॉट में पार्किंग चार्ज भी इसी कार्ड से दिया जा सकेगा। डीटीसी और क्लस्टर बसों में भी इसी कार्ड के जरिए टिकट ले सकेंगे। टैक्सी का किराया भी इसी कार्ड से चुका सकेंगे। इतना नहीं, इस कार्ड के जरिए लोग एयरपोर्ट मेट्रो और गुड़गांव में बन रही रैपिड मेट्रो में भी सफर कर सकेंगे, क्योंकि जहांगीरपुरी-हूडा सिटी सेंटर लाइन के सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन के पेड एरिया में ही रैपिड मेट्रो के लिए इंटरचेंज करने की सुविधा होगी।शनिवार को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव और डीएमआरसी के चेयरमैन सुधीर कृष्णा ने 'मोर दिल्ली' कार्ड को लॉन्च किया। उन्होंने 'मोर दिल्ली' कार्ड के जरिए फीडर बस और मेट्रो में सफर भी किया। हालांकि अभी डीएमआरसी ने केवल दो रूट की फीडर बसों एमएल-5 और 56 में ही इस कार्ड को लॉन्च किया है। इन दोनों रूटों पर 10 फीडर बसें क्लब करके चलाई जाती हैं। शास्त्री पार्क से मयूर विहार फेज-3 तक के इस 18 किमी लंबे रूट पर फीडर बसें तीन मेट्रो स्टेशनों शास्त्री पार्क, अक्षरधाम और मयूर विहार फेज-1 से होती हुई जाती हैं। अधिकारियों का कहना है कि साल के अंत तक सभी फीडर बसों में यह सिस्टम लागू हो जाएगा। कृष्णा ने बताया कि इस कार्ड के लिए सिस्टम डिवेलप करना आसान नहीं था। इसके लिए डीएमआरसी ने एक स्पेशल सॉफ्टवेयर डिवेलप किया, वहीं बेंगलुरू की एक कंपनी ने जीपीएस आधारित हैंड हेल्ड इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनाया। शुरुआत में एक डिवाइस की कीमत करीब 23 हजार रुपये थी, लेकिन देश में ही विकसित करने के बाद अब इसकी कीमत घटकर 15,500 रुपये रह गई है। कृष्णा के मुताबिक इससे मैनुअली काम करने का झंझट खत्म हो जाएगा और उस पर जितना खर्च करना पड़ रहा है, लगभग उससे कम दाम में ही यह डिवाइस आ जाएगा। इससे समय की बचत तो होगी ही, कंडक्टर को कैश भी नहीं संभालना पड़ेगा। |