Indian Railways News => | Topic started by Mafia on Sep 18, 2013 - 14:56:03 PM |
Title - एक खाई ने बांट दी कांगड़ा रेलPosted by : Mafia on Sep 18, 2013 - 14:56:03 PM |
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दो सौ मीटर के एक जमीन के टुकड़े ने कांगड़ा घाटी रेल को दो हिस्सों में बांट डाला है। छह अगस्त को कांगड़ा से चंद किलोमीटर की दूरी पर भारी बरसात के कारण पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेलमार्ग के मध्य दो सौ मीटर जमीन का टुकड़ा बारिश की भेंट चढ़ गया था तथा पटरी हवा में झूल गई। इस खाई से यह मार्ग दो हिस्सों में बंट गया है। इस जमीन के टुकड़े को भर कर यहां फिर से रेल ट्रैफिक शुरू करने की कवायद शुरू तो की गई, लेकिन कठिन परिस्थितियों के कारण यह हिस्सा अभी तक बन नहीं पाया है। मौजूदा दौर में केवल जोगेंद्रनगर व पपरोला से कांगड़ा तथा दूसरी ओर से पठानकोट से ज्वालामुखी रोड तक ही रेल यातायात चालू है। बेहद सस्ते किराये में आरामदायक सफर का आनंद देने वाली इस रेल के थमने से रोजाना सफर करने वाले लोगों का बजट गड़बड़ा गया है। हालांकि रेलवे विभाग ने लोगों की सुविधा को देखते हुए जोगेंद्रनगर व पपरोला के बीच पहले की तरह ही दो ट्रेनें चलाई हैं। लेकिन, पपरोला से कांगड़ा की ओर सामान्य रूप से चलने वाली छह ट्रेनों के स्थान पर अब महज दो ट्रेनों से ही लोगों को गुजारा करना पड़ रहा है। दूसरी ओर पठानकोट से ज्वालामुखी रोड तक एक ट्रेन को छोड़कर अन्य ट्रेनें चलाई जा रही है, मगर पपरोला से कांगड़ा के बीच केवल दो ट्रेनें यात्रियों की संख्या के हिसाब से कम है। इस हिस्से में पपरोला से कांगड़ा तक पहली ट्रेन सुबह 7 बजकर 20 मिनट तथा दूसरी ट्रेन 10 बजकर 45 मिनट पर रवाना हो रही है। इसके बाद कांगड़ा की ओर कोई ट्रेन नहीं है। वहीं कांगड़ा की ओर से पपरोला के लिए पहली ट्रेन सुबह 11 बजे व दूसरी ट्रेन दोपहर 2 बजकर 45 मिनट पर चलाई जा रही है। इसमें रेल विभाग को ट्रेन के डिब्बों व इंजन की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है। |