Indian Railways News => | Topic started by railgenie on Aug 02, 2012 - 00:19:56 AM |
Title - उत्तरी ग्रिड फेल होने से लाखों यात्री हुए परेशानPosted by : railgenie on Aug 02, 2012 - 00:19:56 AM |
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अंबाला : उत्तरी ग्रिड फेल होने के कारण पटरी पर दौड़ रही रेलगाड़ियों के पहिये थम गए। मात्र डीजल इंजन ही पटरी पर नजर आए। करीब आठ घंटे बाद रेल यातायात पूरी तरह से सुचारुहो सका। इस दौरान लाखों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। अंबाला व फिरोजपुर मंडल में सौ से ज्यादा ट्रेन व मालगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ। जानकारी के अनुसार शनिवार रात ढाई बजे के करीब उत्तरी ग्रिड फेल होने के बाद इलेक्ट्रिकल इंजन से दौड़ रही रेलगाड़ियां बीच रास्ते ही रुक गई। डीजल इंजनों की मदद से रेलगाड़ियों को रेलवे स्टेशनों पर पहुंचाया गया। बिजली आपूर्ति ठप होने के कारण रेलवे का सिग्नल सिस्टम भी पूरी तरह से ठप पड़ गया था। अंबाला रेल मंडल के तहत नौ पैसेंजर गाड़ियों को रद कर दिया गया जबकि कालका-दिल्ली शताब्दी व अमृतसर-दिल्ली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस सहित दर्जनों रेलगाड़ियां अपने निर्धारित समय से लेट चली। ट्रेनों का परिचालन गड़बड़ाने से हरियाणा व पंजाब के विभिन्न स्टेशनों पर यात्री फंसे रहे। कई ट्रेनों के अनिश्चितकाल तक के लिए लेट होने के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य पर जाने के लिए बसों का सहारा लेना पड़ा। ग्रिड फेल होने के कारण नौ पैसेंजर ट्रेनों को रद किया गया। ट्रेन संख्या 64532, दिल्ली-अंबाला, ट्रेन संख्या 64531, दिल्ली-लुधियाना, ट्रेन संख्या 64515, नंगलडैम-अंबाला, ट्रेन संख्या 64516 अंबाला-नंगलडैम, ट्रेन संख्या 64993, कुरुक्षेत्र-अंबाला, ट्रेन संख्या 64994 अंबाला-कुरुक्षेत्र, ट्रेन संख्या 64545 अंबाला-कुरुक्षेत्र, ट्रेन संख्या 64546 कुरुक्षेत्र-अंबाला, ट्रेन संख्या 64645 कुरुक्षेत्र-अंबाला और अंबाला-अमृतसर पैसेंजर रद ट्रेनों मे शामिल है। उत्तरी ग्रिड फेल होने के कारण सबसे ज्यादा अंबाला-दिल्ली व अंबाला सहारनपुर रेलमार्ग पर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। इस रूट पर चलने वाली कालका-दिल्ली शताब्दी, अमृतसर-दिल्ली स्वर्ण शताब्दी, लखनऊ-चंडीगढ़ सद्भावना एक्सप्रेस, आम्रपाली एक्सप्रेस,पश्चिम एक्सप्रेस, जम्मू-अहमदाबाद स्वराज एक्सप्रेस, मालवा एक्सप्रेस सहित अनेक ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों लेट दौड़ रही है। ट्रेनें लेट होने के कारण यात्रियों को इधर-उधर भटकना पड़ा। |