Indian Railways News => | Topic started by greatindian on Jun 07, 2012 - 12:00:14 PM |
Title - उड़ जाता जंक्शन, जाती हजारों जानेंPosted by : greatindian on Jun 07, 2012 - 12:00:14 PM |
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इलाहाबाद : 42 टैंकर वैगन, प्रत्येक की क्षमता 54.2 टन यानी 70,082 लीटर, सभी टैंकरों को मिला लिया जाए तो 29 लाख 43 हजार 444 लीटर क्रूड पेट्रोल (नेप्था) भरे हुए थे। ऐसे में टैंकर वैगन में लगी आग यदि भड़कती तो उसकी भीषणता की कल्पना की जा सकती है। इन टैंकरों में विस्फोट होता तो शायद जंक्शन और आसपास का इलाका उड़ जाता और हजारों लोगों की जान यूं ही चली जाती, लेकिन ऊपर वाले का शुक्र है कि हादसा होते-होते टल गया।क्रूड पेट्रोलियम लेकर हल्दिया से पानीपत जा रही 42 टैंकर वैगन वाली मालगाड़ी के एक टैंकर में बुधवार को लगी आग को हालांकि वक्त रहते ही बुझा लिया गया, लेकिन यदि आग और भड़कती तो कई अन्य टैंकर भी चपेट में आते। फिर क्या होता इसे सोचकर लोगों के रोंगटे खडे़ हो जाते हैं। सिगनल पाकर गाड़ी चालक केएन तिवारी व गार्ड उमाशंकर यादव जंक्शन की लाइन नंबर चार पर आगे बढे़ तो उन्हें भान नहीं था कि वे किसी बडे़ संकट से दो-चार होने जा रहे हैं। जंक्शन के ओवरब्रिज से 11 वैगन आगे बढ़ चुके थे लेकिन 12वां जैसे ही गुजरा कि आग लगने का शोर पूरे स्टेशन पर मच गया। डीआरएम के साथ तमाम मंडलीय, रेलवे पुलिस और आरपीएफ के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी बुला ली गई। ओवरब्रिज को सील कर दिया गया। प्लेटफार्मो को खाली करा लिया गया। इंडियन आयल के इंजीनियर भी पहुंच गए और आग बुझाने का उपक्रम शुरू हुआ। कभी फायर इंस्टीग्यूशर तो कभी पानी और बालू का प्रयोग किया जाता। आग बुझ गई तो सभी की जान में जान आई। नहीं तो सभी अफसरों के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं। |