Indian Railways News => Topic started by railenquiry on Sep 10, 2013 - 20:56:29 PM


Title - इलेक्ट्रिक ट्रेनों पर प्रशिक्षित चालकों की कमी का ब्रेक
Posted by : railenquiry on Sep 10, 2013 - 20:56:29 PM

अमृतसर से हावड़ा तक विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है, लेकिन चालकों व इंजन की कमी से दर्जन भर से अधिक ट्रेनें अभी भी डीजल इंजन के सहारे दौड़ रही हैं।
मुरादाबाद रेल मंडल के सहारनपुर से लखनऊ तक विद्युतीकरण मार्च में पूरा हो चुका है। इसी के साथ अमृतसर से हावड़ा तक इलेक्ट्रिक ट्रेन चलाने का रास्ता भी साफ हो गया। पहली जुलाई से रेल प्रशासन ने डेढ़ दर्जन से अधिक ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से चलाने की योजना बनाई थी। अभी तक अकाल तख्त एक्सप्रेस, उपासना, कुंभ एक्सप्रेस को हावड़ा तक और चंडीगढ़ इंटरसिटी को चंडीगढ़ लखनऊ के बीच चलाया जा रहा है। साल भर से मुरादाबाद अमृतसर के बीच चलने वाली पंजाब मेल, जनसेवा, जननायक एक्सप्रेस को आगे नहीं बढ़ाया गया है।
फिलहाल रेल प्रशासन इलेक्ट्रिक इंजन चलाने को प्रशिक्षित चालकों के अभाव व मुख्यालय से इंजन नहीं मिलने की दिक्कतों से जूझ रहा है। रेल मंडल में 713 चालक व सहायक चालक कार्यरत है, जिनमें अभी तक 25 प्रतिशत चालक ही इलेक्ट्रिक इंजन चलाने में प्रशिक्षित हो पाए हैं। मंडल रेल प्रशासन मुख्यालय से इलेक्ट्रिक इंजन की मांग कर रहा है, जिससे ट्रेन के साथ मालगाड़ी को भी इलेक्ट्रिक इंजन द्वारा चलाया जा सके।
विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाने के बाद यात्रियों में उम्मीद जगी थी कि ट्रेन की स्पीड बढ़ने के साथ ही सफर का समय भी कम हो जाएगा। मालगाड़ी की स्पीड बढ़ जाने के ट्रेन संचालन कम बाधित होगा, मगर ऐसा नहीं हो पाया।
एडीआरएम हितेंद्र मेहरोत्रा का कहना है कि ट्रेन चालकों को किस्तों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।