Indian Railways News => Topic started by railenquiry on Jun 22, 2013 - 06:30:26 AM


Title - Banihal Srinagar railway service will open next week - - अगले हफ्ते खुल जाएगी बानिहाल-श्रीनगर रेल से
Posted by : railenquiry on Jun 22, 2013 - 06:30:26 AM

जम्मू कश्मीर में बडगाम जिले के हरदुएल गांव मे रहने वाले मोहम्मद अफजल इन दिनों बेहद उत्साहित हैं। उनके उत्साह की वजह यह है कि जिस रेल को वर्षों से बनते हुए देखते थे, मंगलवार से उस पर सवारी कर सकेंगे। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले अफजल को इसका सबसे बड़ा फायदा तो यह होगा कि वह कम समय और धन खर्च कर श्रीनगर जा-आ सकेंगे।

दरअसल, आगामी मंगलवार (25 जून) को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी नवनिर्मित बानीहाल-काजीगुंज रेल मार्ग राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह वही रेल मार्ग है जिसके लिए देश की सबसे बड़ी सुरंग खोदी गई है।

बडगाम जिले के ही पारनिवाह गांव के रहने वाले नूर मोहम्मद आजकल रोज बानिहाल स्टेशन पर पहुंच जाते हैं। उन्होंने कहा,'बहुत दिनों से इसे बनते हुए देख रहे थे और सोचते थे कि कब चलेगी रेलगाड़ी। अब वह घड़ी आ गई है। रोज ही ट्रायल के सिलसिले में रेलगाड़ी के एक दो फेरे लग रहे हैं।

एक बार तो उसकी सवारी भी कर ली है।Ó वह अपने गांव के पहले व्यक्ति हैं जिसने रेल की सवारी कर ली। वहीं मोहम्मद अफजल ने बताया कि सड़क मार्ग से श्रीनगर जाने में कम से चार घंटे लगते हैं और किराया 150 रुपये पड़ता है।

आने-जाने में 300 रुपये। इसीलिए वह श्रीनगर से रोज अपने गांव आते-जाते नहीं हैं। अब रेल खुल जाएगी तो रोज घर आ जा सकेंगे क्योंकि इसमें किराया और समय दोनों बचेगा। उन्होंने अभी से रेलवे का मंथली पास बनवाने के लिए फोटो भी खिंचवा लिया है।

नूर मोहम्मद का कहना है कि जब बर्फबारी शुरू हो जाती है तो रास्ता बंद हो जाता है। पर अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि रेलगाड़ी तो बर्फबारी के दिनों में भी चलती है। इसी गांव के निवासी कासिम ने कहा कि अभी तक वह अपने बगान के फल यहीं बेच देते हैं, अब तो फलों को रेल से श्रीनगर ले जाकर बेचेंगे तो ज्यादा दाम मिलेगा।

गौरतलब है कि कश्मीर घाटी में वर्ष 2009 से ही रेलगाड़ी चल रही है लेकिन इसकी सेवा काजीगुंड से श्रीनगर होते हुए बारामुला तक (119 किलोमीटर) ही है।

कश्मीर घाटी से निकल कर जम्मू की तरफ रेल पहुंचाने में सबसे बड़ा रोड़ा पीर पंजाल पर्वत शृंखला थी जिसके नीचे सात वर्ष की मेहनत और करीब 1300 करोड़ रुपये के निवेश से 11.3 किमी सुरंग तैयार की गई है। अब बानिहाल से भी श्रीनगर की सीधी रेलगाड़ी चल सकेगी।