Indian Railways News => | Topic started by eabhi200k on May 13, 2012 - 21:00:09 PM |
Title - पागल का हमला, महिला रेलकर्मी घायलPosted by : eabhi200k on May 13, 2012 - 21:00:09 PM |
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हावड़ा : इन दिनों हावड़ा स्टेशन पर पागलों का आतंक बढ़ता जा रहा ये कभी यात्रियों को तो कभी स्टेशन पर काम करने वाले रेलकर्मियों को अपनई हिंसा का शिकार बना रहे हैं। शुक्रवार को ऐसी ही एक घटना देखने को मिली जिसमें एक पागल ने ड्यूटी पर तैनात महिला टीटी को घुसा मार कर घायल कर दिया। घायल रेलकर्मी का नाम शोभा भंट्टाचार्या है। उनके आंख में गंभीर चोट आई है घायल टीटीई को हावड़ा के अर्थोपैडिक रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल महिला अपने घर में स्वास्थ्य लाभ कर रही हैं। शुक्रवार शाम 4 बजे उक्त महिला अपनी महिला सहयोगी के साथ टिफिन करने के लिए जा रही थी। वह अपने ड्यूटी स्थान पूछताछ काउंटर से निकलकर स्टेशन के कोंकण एरिया में जा रही थी तभी एक पागल ने उनपर हमला बोल दिया। एक नित्ययात्री विकास श्रीवास्तव ने बताया कि उक्त पागल कई दिनों से स्टेशन परिसर में घूम रहा था ऐसा नहीं कि उसने पहली बार हमला किया है सूत्रों की माने तो उस पागल ने कुछ दिनों पहले भी एक रेलकर्मी पर हमला कर दिया था। पागलों के हमले से आरपीएफ के जवान भी सुरक्षित नहीं है सूत्रों कि माने तो कई महीने पहले एक पागल ने रेलवे सुरक्षा बल के एक हेडकांस्टेबल के सर पर डंडे से हमला कर दिया था। अब सोचने वाली बात यह है कि जब हावड़ा स्टेशन पर रेलकर्मी ही सुरक्षित नहीं तो आम यात्रियों का क्या होगा? कहा से आते हैं पागल हावड़ा स्टेशन बंगाल के अहम स्टेशनों में से एक है। इस स्टेशन पर प्रत्येक दिन लाखों की संख्या में यात्री आते हैं। लिहाजा यहां सुरक्षा भी चाक चौबंद होती है सभी निकास व प्रवेश द्वारों पर रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे राजकीय पुलिस का पहरा होता है, बावजूद इसके इस स्टेशन पर प्रत्येक दिन दो-चार पागल तो घूमते मिल ही जाते है। एक यात्री का कहना था कि जब किसी वीआईपी का दौरा होता है उस समय पागलों को स्टेशन से बाहर कर दिया जाता है लेकिन उसके जाते ही फिर से पुरानी स्थिति लागू हो जाती है। एक रेलवे के अधिकारी का कहना था ये पागल ट्रेनों के माध्यम से हावड़ा स्टेशन पहुंचते हैं, कई बार तो अपने इन मानसिक रोगियों से पीछा छुड़ाने के लिए किसी स्टेशन से इनको ट्रेन में चढ़ा कर छोड़ देते हैं, या फिर स्टेशन पर छोड़ कर चलते बनते हैं। अंतिम स्टेशन होने के कारण हावड़ा में सभी गाड़ी देरी तक रुकती है और इसी दौरान पागल स्टेशन पर उतर कर हंगामा खड़ा कर देते हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि हावड़ा स्टेशन पर प्रत्येक दिन चार से पांच नये पागल आ जाते है। |