Indian Railways News => | Topic started by railenquiry on Apr 23, 2012 - 09:00:16 AM |
Title - जयपुर-मथुरा पैसेंजर ट्रेन में डिब्बे नहीं बढ़ाए तो हो सकता है हादसाPosted by : railenquiry on Apr 23, 2012 - 09:00:16 AM |
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दौसा-!- यात्री भार को देखते हुए जयपुर-मथुरा पैसेंजर ट्रेन में डिब्बे कम हैं। यात्रियों से ठसाठस भरी ट्रेन में लोगों को गेट व पायदान में लटक कर यात्रा करनी पड़ रही है। इससे कभी किसी के साथ कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसमें विशेष बात यह है कि जयपुर से लौटते समय पैसेंजर ट्रेन में भीड़ बहुत रहती है। इसके बावजूद आंख मूंद कर बैठे रेलवे अधिकारियों को शायद किसी हादसे का इंतजार है। पैसेंजर ट्रेन में तत्काल प्रभाव से डिब्बे बढ़ाने की जरूरत है। हैंडलूम व्यापारी कृष्ण मुरारी झालानी का कहना है कि यात्रियों को दोपहर के समय जयपुर जाने-आने के लिए जयपुर-मथुरा पैसेंजर ट्रेन रास आ रही है, लेकिन डिब्बे कम और यात्री अधिक होने से परेशानी भी उतनी ही 'यादा झेलनी पड़ रही है। डिब्बों के गेट व पायदानों पर लटकते यात्री को देख लगता है कि कभी हादसा हो सकता है। इसे देखते हुए पैसेंजर ट्रेन में अविलंब डिब्बे बढ़ाने की जरूरत है। संदीप चौहान का कहना है कि जयपुर से लौटते समय पैसेंजर ट्रेन ठसाठस रहती है। जयपुर में बैठे अधिकारी भी देखते ही होंगे कि ट्रेन में भीड़ बहुत 'यादा चल रही है। इसके बावजूद अधिकारियों को आंखें मूंदना गलत है। कोई हादसा हो गया तो जवाब देना भारी पड़ सकता है। यात्रियों की सुविधा के लिए ट्रेन में जल्द ही डिब्बे बढऩे चाहिए। यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की ही बनती है |