सुकून भरा ट्रायल by ankurpatrika on 13 August, 2014 - 01:12 PM | ||
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ankurpatrika | सुकून भरा ट्रायल on 13 August, 2014 - 01:12 PM | |
Source: http://www.patrika.com/article/trial-pleasant/47396 महंगाई और कमजोर मानसून जैसी निराशाजनक खबरों के बीच देश में 160 किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली ट्रेन का सफल ट्रायल होना सुकून भरी खबर मानी जा सकती है। तेज गति वाली रेल कब तक चलेगी अथवा बुलेट ट्रेन चलाने का हमारा सपना कब पूरा होगा, ये भविष्य के सवाल जरूर हो सकते हैं लेकिन देर से ही सही इस दिशा में हमने कदम तो बढ़ाया। हमसे पांच साल बाद आजाद होने वाला 12 करोड़ की आबादी वाला जापान 1964 में बुलेट ट्रेन की शुरूआत कर चुका है। चीन, फ्रांस और जर्मनी में भी बुलेट ट्रेन सरपट दौड़ रही है। भारतीय रेलवे की स्थिति को देखते हुए सवाल उठता है कि हम कितने समय में बुलेट ट्रेन चलाने में कामयाब हो पाएंगे? बुलेट ट्रेन के लिए अलग पटरियां बिछाने की जरूरत होगी जिसमें अच्छा खासा पैसा और समय लगेगा लेकिन इन सबसे अलग बात ये है कि पर्यटकों अथवा अभिजात्य वर्ग के लिए चलने वाली बुलेट ट्रेन का सपना देखने के साथ आम भारतीय की जरूरतों का भी ध्यान रखा जाए। आम भारतीय को रेल सुविधा मुहैया हो रही हैं या नहीं? मुहैया हो रही हंै तो सुविधाओं का क्या हाल है और दुर्घटनाओं को रोकने की तैयारी क्या है? रेलों में मिलने वाले खाने का स्तर क्या है? आम आदमी की जरूरत बुलेट ट्रेन से कहीं अधिक इन चीजों की है। आज भी देश में ऎसे कई स्थान हैं जहां के लोगों ने रेलों की शक्ल तक नहीं देखी। पन्द्रह लाख कर्मचारियों वाला भारतीय रेलवे की गिनती दुनिया के बड़े संगठनों में शुमार होती है। जहां ढाई करोड़ यात्री प्रतिदिन रेलों से यात्रा करते हैं। प्राथमिकता इन ढाई करोड़ लोगों को संतुष्टि देने की होनी चाहिए। बुलेट ट्रेन के लिए अलग से पटरी बिछाने में कोई हर्ज नहीं है लेकिन पहले आम भारतीय की रेल पटरी पर नजर आनी चाहिए। बुलेट ट्रेन चलाने में हम जापान का मुकाबला करना चाहते हैं, ये अच्छी बात है लेकिन हमें जापान और भारत में होने वाली रेल दुर्घटनाओं पर भी नजर डालनी चाहिए। दुर्घटनाओं के कारणों और उनके निवारण की दिशा में भी ठोस काम होना चाहिए। साथ ही रेल मार्ग के बीच आने वाले पुल, सुरंगों, मानव रहित क्रॉसिंग और जानवरों से निपटने की पुख्ता योजना भी बनानी होगी। जब तक यह काम पूरा हो, तब तक जरूरत रेल सफर को आरामदायक और सुरक्षित बनाने की है। |