Indian Railways News => Topic started by ConfirmTicket on Oct 05, 2013 - 20:59:02 PM


Title - सोमवार से बढ़ सकता है रेल किराया
Posted by : ConfirmTicket on Oct 05, 2013 - 20:59:02 PM

नई दिल्ली [जाब्यू]। पिछले हफ्ते भाड़ों और पार्सल रेट में बढ़ोतरी के बाद रेल उपभोक्ता एक और झटके के लिए तैयार रहें। इस बार बोझ माल ढोने वालों के अलावा यात्रियों को भी सहना पड़ सकता है। रेलवे सात अक्टूबर से ईधन समायोजन घटक [एफएसी] के नाम पर किराये एवं भाड़े में दो फीसद तक की बढ़ोतरी करने का मन बना चुका है। रेलमंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे और रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी पिछले दिनों इसके संकेत दे चुके हैं।

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डीजल और बिजली की दरों में वृद्धि से रेलवे की बढ़ी लागतों को यात्रियों पर डालने के इस तरीके का एलान 2013-14 के बजट में पूर्व रेलमंत्री पवन कुमार बंसल ने किया था। इसे हर छह महीनों में लागू करने की बात कही गई थी। इसी के तहत अक्टूबर में इस युक्ति को अपनाया जा रहा है। हालांकि पिछले दिनों जब माल भाड़े और राजधानी-शताब्दी-दूरंतो की पार्सल दरों में बढ़ोतरी की गई तो ऐसा लगा था कि शायद एफएसी को लागू करने से बचने के लिए ऐसा किया गया है। लेकिन अब यह लगभग तय हो गया है कि सरकार लोकसभा चुनावों के लिए पांच विधानसभा चुनावों में जोखिम उठाने को तैयार है। आम तौर पर माना जाता है कि केंद्र सरकार के फैसले विधानसभा चुनावों के परिणामों को उतना प्रभावित नहीं करते और वहां स्थानीय कारक ही अहम भूमिका निभाते हैं। यह फैसला यदि लागू होता है तो इससे रेलवे को चालू वित्त वर्ष की बाकी अवधि में 1250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी।

पिछले छह माह के दौरान डीजल की कीमतों में तकरीबन साढ़े सात फीसद तथा बिजली की कीमतों में इससे दोगुनी बढोतरी हो चुकी है। इसके परिणामस्वरूप एफएसी के तहत एसी तथा स्लीपर दर्जो के रेल किरायों में लगभग दो फीसद की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके अलावा माल भाड़े में भी 1.7 फीसद तक की बढ़ोतरी की जाएगी। अभी पिछले हफ्ते ही रेलवे ने व्यस्त मौसम सरचार्ज के तहत अक्टूबर से अगले साल जून तक के लिए तकरीबन सभी वस्तुओं के माल भाड़ों में 15 फीसद की बढ़ोतरी का एलान किया था। जबकि अब एफएसी से संबंधित मालभाड़ा बढ़ोतरी 10 अक्टूबर से लागू होने के आसार हैं। दूसरी ओर किरायों में दो फीसद तक की वृद्धि सात अक्टूबर से ही लागू हो सकती है। छह महीने बाद एफएसी का पुन: निर्धारण होगा और जरूरत पड़ी तो फिर किराये-भाड़े बढ़ सकते हैं।