Indian Railways News => Topic started by Jitendar on Sep 30, 2013 - 21:00:17 PM


Title - रेलवे के कंप्यूटर में दर्ज नहीं तमाम स्टेशन
Posted by : Jitendar on Sep 30, 2013 - 21:00:17 PM

प्रतापगढ़। जनरल टिकट काउंटर के कंप्यूटर से तमाम स्टेशन गायब हैं। ऐसे में जनरल टिकट लेने वाले यात्रियों को भारी दिक्कत होती है। टिकट काउंटर पर ऐसे स्टेशनों के टिकट मिलने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है जबकि फ्रेंचाइजी काउंटर से यह टिकट बन ही नहीं पाते हैं।
मैनुअल टिकटों को बंद हुए कई साल बीत गए। आरक्षण के साथ ही जनरल टिकट भी कंप्यूटर से प्रिंटेड मिलता है। वर्षों बीतने के बाद भी रेलवे ने ऐसे कई स्टेशनों को अपने कंप्यूटर रूट में फीड नहीं किया जहां से चर्चित ट्रेनें भी चलती हैं। इन स्टेशनों तक पहुंचने के लिए जनरल टिकट पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए मुश्किल खड़ी हो जाती है। ऐसे यात्रियों को काफी देर इंतजार करना होता है। जब लिपिक खाली होता है तो वह रूट चार्ट निकालता है। इसमें स्टेशन की दूरी तय की जाती है। इसके बाद किमी के हिसाब से टिकट बनाया जाता है। कभी-कभी तो किमी भी तय कर पाना लिपिक के बस में नहीं रह जाता। ऐसे में यात्री जब उच्चाधिकारियों तक पहुंचता है तो उनके निर्देश पर 10 से 50 किमी का ज्यादा किराया लगाकर टिकट बना दिया जाता है। यह ऐसे स्टेशन भी नहीं हैं जो नए बने हों या फिर छोटे हों। यहां से बाकायदा ट्रेनों का संचालन होता है। नवतनवा स्टेशन से दुर्ग एक्सप्रेस चलती है। इस स्टेशन का नाम कंप्यूटर में फीड नहीं है। इसके अलावा प्रतापगढ़ से फतेहपुर वाया कानपुर जाना हो तो उसकी फीडिंग नहीं है जबकि प्रतापगढ़ से फतेहपुर वाया इलाहाबाद जाना हो तो उसकी फीडिंग हैं। इसके अलावा होशियारपुर, उधना, जालना, चकिया, जैसलमेर, नालंदा, करधनी, तनवेल, दागलकोट व जम्मू के पास स्थित कटरा स्टेशन की फीडिंग नहीं है।
जनरल टिकट काउंटर पर होने वाली भीड़ को देखते हुए रेलवे ने शहर में ही दो लोगों को टिकट बनाने की फ्रेंचाइजी दी है। यहां एक रुपया अधिक देकर टिकट लिया जा सकता है। जिन स्टेशनों की फीडिंग नहीं है वहां के टिकट इन काउंटर से नहीं बन सकते। रेलवे के टिकट काउंटर से तो बाबू किमी के हिसाब से टिकट बनाते हैं लेकिन यहां यह व्यवस्था नहीं है।
जनरल टिकट लेने वाले यात्री यदि किसी कारण से यात्रा कैंसिल करते हैं तो उन्हें तीन घंटे के अंदर तक पैसा वापस हो जाता है। जिन स्टेशनों की फीडिंग कंप्यूटर में नहीं है वहां के टिकटों की वापसी संभव ही नहीं है। इसका कारण है कंप्यूटर में स्टेशन शो नहीं होता है। इससे टिकट रिफंड के लिए नहीं डाला जा पाता। यात्रा करने वाले लोगों को इसके चलते चपत लग जाती है।