Indian Railways News => Topic started by puneetmafia on Oct 07, 2013 - 16:00:17 PM


Title - रेलवे की बाजीगरी, 66% तक ज्यादा किराया देना होगा - Train journey to cost more from today
Posted by : puneetmafia on Oct 07, 2013 - 16:00:17 PM

नई दिल्ली।। ईंधन समायोजन घटक यानी फ्यूल एडजस्टमेंट कंपोनेंट (एफएसी) लागू होने से सोमवार से सभी श्रेणियों के किराए में दो फीसदी की बढ़ोतरी के चलते यात्रियों को अब अपनी जेब ढीली करनी होगी। नए किराए उन टिकटों पर भी लागू होंगे, जो 7 अक्टूबर या उसके बाद की यात्रा के लिए पहले ही जारी कर दिए गए हैं। हालांकि उपनगरीय रेलों में सेकंड क्लास के टिकटों और मासिक टिकटों के किराए में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है।

रेल किराया भले ही दो फीसदी बढ़ा है, लेकिन राउंड ऑफ सिस्टम का फॉर्म्युला लागू होने से यात्रियों को 66% तक ज्यादा किराया देना होगा। सामान्य टिकटों के लिए राउंट ऑफ 5 रुपये का होगा, जबकि रिजर्व टिकटों का राउंड ऑफ 10 रुपये होगा। मसलन, यात्रियों को अब पैसेंजर ट्रेनों में 11 से लेकर 14 रुपये तक का किराया होने पर 15 रुपये अदा करने होंगे। इसी तरह 16 से 19 रुपये किराया होने पर 20 रुपये देने होंगे। इससे उन पर दो से लेकर 4 रुपये तक अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। इसी तरह रिजर्वेशन कराने वाले यात्रियों को यह किराया 10 के गुणक में देना होगा। अगर किसी यात्री का टिकट 211 रुपये का है तो उससे 220 रुपये लिए जाएंगे। रेलवे ने भले ही फुटकर की दिक्कत को मूल वजह बताई है, लेकिन यह रेलवे की बाजीगरी है। इससे रेलवे ने कागजों पर जो बढ़ोतरी दिखाई है, उससे कहीं ज्यादा आय होगी।

दूरंतो ट्रेनों का किराया राजधानी के बराबर आज की बढ़ोतरी के बाद मेल/एक्सप्रेस, शताब्दी और राजधानी ट्रेनों के किरायों में 5 रुपये से लेकर 95 रुपये तक की वृद्धि होगी। इसके अलावा दूरंतो ट्रेनों का किराया राजधानी/शताब्दी ट्रेनों के बराबर हो जाएगा और इसमें 100-120 रुपये तक का अतिरिक्त इजाफा होगा। सेकंड क्लास (गैर उपनगरीय) के किरायों में चुनिंदा दूरियों के लिए पांच रुपये तक की वृद्धि होगी, जबकि बाकी सभी दर्जों (स्लीपर, थर्ड एसी, सेकंड एसी, फस्र्ट एसी और एसी चेयरकार) के किरायों में 10 रुपये से लेकर 95 रुपये तक की वृद्धि की जा रही है। सेकंड क्लास के उपनगरीय और मंथली सीजन टिकट (एमएसटी) के किरायों को एफएसी की वृद्धि से मुक्त रखा गया है। एफएसी के अनुसार किरायों में अगली समीक्षा अब अप्रैल में होगी। [ जारी है ]

लोकल के किराये भी बढ़ गए रेलवे ने सोमवार से एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों के किराये बढ़ाने के साथ सेकंड क्लास स्लैब चेंज करने को जो फॉर्म्युला अपनाया है, उससे लोकल ट्रेनों के किराये में भी बढ़ोतरी हो गई है। मसलन, पहले 1 से 30 किलोमीटर तक लोकल ट्रेन का किराया 5 रुपये था, लेकिन नए स्लैब के अनुसार 5 रुपये अब 1 से 20 किलोमीटर तक ही लागू होगा। 20 किलोमीटर से ऊपर जाते ही 10 रुपये अदा करने होंगे। हालांकि एमएसटी के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

यात्री किराये में बढ़ोतरी से रेलवे को इस वित्त वर्ष के बाकी छह महीनों में तकरीबन 450 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होने की संभावना है। गौरतलब है कि डीजल आौर बिजली की बढ़ी कीमतों की वजह से 1200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ झेल रहे रेलवे ने यात्री किराया और माल भाड़ा बढ़ाने का फैसला किया। इस बढ़ोतरी को फ्यूल एडजस्टमेंट कंपोनेंट के साथ जोड़ा जा रहा है। एफएसी को यात्री किराये और माल भाड़े के साथ जोड़ने का प्रस्ताव रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने 2012-13 के रेल बजट में दिया था। मालभाड़ों पर एफएसी के दूसरे पुनरीक्षण के तहत की जाने वाली 1.7 फीसद की वृद्धि 10 अक्टूबर से लागू होगी। आपको बता दें कि अभी पहली अक्टूबर से ही व्यस्त मौसम अधिभार के तहत मालभाड़ों में 15 फीसद तक की वृद्धि की गई थी।