Indian Railways News => | Topic started by irmafia on May 15, 2012 - 03:00:24 AM |
Title - 22 वर्षो से पुल के इंतजार में शहरवासीPosted by : irmafia on May 15, 2012 - 03:00:24 AM |
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कानपुर : 22 वर्ष पहले 1990 में जब दिल्ली हावड़ा मुख्य रेलमार्ग पर लगभग 120 ट्रेनें गुजरती थीं तो इस रेलवे क्रासिंग पर ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव आया। रेलवे ने हां कर दी लेकिन भूतल परिवहन के इस राष्ट्रीय राजमार्ग का ब्रिज निर्माण दो वर्षो तक ठंडे बस्ते में रहा क्योंकि भूतल ने टेंडर ही नहीं डाले थे। सीओडी ब्रिज का शिलान्यास 10 मई 2008 को तत्कालीन रेल राज्यमंत्री नारायण भाई जे राठवा एवं परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री केए मुनिअप्पा ने किया था और इसी मंच से घोषणा की गई थी कि दो वर्ष में ये ब्रिज तैयार हो जायेगा लेकिन सच्चाई ये थी कि राष्ट्रीय राजमार्ग ने दो वर्ष टेंडर ही नहीं डाले थे, जिससे ये ब्रिज लेट हो गया। -------------- ब्रिज की अड़चनें ø दो वर्ष राष्ट्रीय राजमार्ग में बिना टेंडर हवा में रहा ब्रिज निर्माण। ø 15 माह तक ठेकेदार को साइड ही साफ होकर नहीं मिली। ø कमीशनबाजी को लेकर ब्रिज का काम समेटकर ठेकेदार भाग गया, जिससे छह माह कार्य बंद रहा। ø टेंडर हैदराबाद की कंपनी के पास, निर्माण मुंबई की कंपनी कर रही है। ø ब्रिज निर्माण के रास्ते में मंदिर भी है। सीओडी ब्रिज की स्थिति ø सीओडी ब्रिज गेट 79 डी ø लागत 34 करोड़ रुपये ø रेलवे लागत 10 करोड़ ø भूतल लागत 24 करोड़ ø ब्रिज की स्थिति 4 लेन ø टाटमिल की ओर 350 मीटर ø रामादेवी की ओर 400 मीटर ø रेलवे का भाग 25 मीटर ø कार्य आरंभ नवंबर 2008 ø कार्य अवधि 18 माह ø अब कार्य अवधि अप्रैल 2013 ø ट्रेनों की संख्या 300 से अधिक ø कुल खंभे बनेंगे - 165 ø खंभों की नींव पड़ी 90 |