.. तो सीट मिल जाती तो नहीं होता हादसा by sushil on 19 August, 2012 - 09:02 PM | ||
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sushil | .. तो सीट मिल जाती तो नहीं होता हादसा on 19 August, 2012 - 09:02 PM | |
कटिहार : शनिवार की रात न्यू जलपाईगुड़ी के समीप ट्रेन से 11 लोगों के फेंके जाने की घटना को लेकर रेल प्रशासन यह भी संभावना जता रहा है कि विवाद शायद सीट को लेकर हुआ था। हालांकि अन्य कारण का भी अंदेशा रेलवे को है। वैसे अगर घटना सीट के लिए संघर्ष की परिणति है। तो ऐसे में यह समझा जा सकता है कि अगर यात्रियों को सीटें मिल जाती तो यह हादसा नहीं होता। हालांकि रेल प्रशासन की इस बात में दम भी है तो फिर सवाल यह उठता है कि जब यात्रियों के बीच सीट अथवा अन्य कारणों के लिए संघर्ष हो रहा था व एक-एक कर 11 यात्री ट्रेन से नीचे फेंके गये, उस समय ट्रेन की सुरक्षा में तैनात जवान कहां थे। अगर इनकी उक्त ट्रेन में ड्यूटी ही नही लगाई गयी तो यह और भी बड़ी बात है। रेलवे के वरीय यात्रियों की बात मान भी ली जाए तो भी ट्रेन में सुरक्षा की चूक का गंभीर प्रश्न सामने आ रहा है। इस घटना ने यह सिद्ध कर दिया है कि ट्रेनों में यात्री अपने भरोसे यात्रा करने के लिए छोड़ दिये जाते हैं। इस मामले में डीआरएम ने जांच के आदेश दिए हैं। इस जांच में इस बात को भी शामिल किया जाना चाहिए कि सुरक्षा बलों द्वारा अपनी ड्यूटी को क्यों नहीं अंजाम दिया गया। अगर आपसी संघर्ष की बात सहीं है तो इतना तो तय है कि मारपीट व यात्रियों के नीचे गिरने की घटना महज कुछ ही देर में तो नहीं ही हुई होगी। इतनी बड़ी संख्या में यात्री ट्रेन से नीचे गिरे व रेल सुरक्षा बलों को पता भी नहीं चला, यह बात गले नहीं उतरती। घटना स्थल न्यू जलपाईगुड़ी के समीप का है व यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल की हमेशा उपस्थिति रहती है। तो फिर क्यों नहीं मामले को समय रहते संभाल लिया गया व दो लोगों को मौत के मुंह में जाने व नौ लोगों को घायल होने से बचा लिया गया। हालांकि यह संतोषप्रद है कि डीआरएम ने घटना की गंभीरता को समझा है व फौरन घटना स्थल का दौरा का हालात का जायजा लिया। जख्मी यात्रियों के लिए मदद की घोषणा भी की गयी है, हालांकि इसे संतोषजनक नहीं माना जा सकता है। बेहतर हो कि रेल प्रशासन ऐसी घटनाओं को न होने देने के लिए प्रयत्न करें। |