साइंस एक्सप्रेस में दिखी देश की जैवविविधता by railgenie on 10 June, 2012 - 09:00 PM | ||
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railgenie | साइंस एक्सप्रेस में दिखी देश की जैवविविधता on 10 June, 2012 - 09:00 PM | |
पटना : केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा देश की जैवविविधता से लोगों को अवगत कराने के लिए पर्यावरण व वन मंत्रालय तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा शुरू की गयी साइंस एक्सप्रेस शनिवार को पटना पहुंच गयी। साइंस एक्सप्रेस का पटना जंक्शन पर उद्घाटन पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक वरुण भरथुआर ने किया। साइंस एक्सप्रेस में लगायी गयी तस्वीरों को देखने के लिए दिनभर लोगों को तांता लगा रहा। लोग पूरे परिवार के साथ आकर देश की जैवविविधता को देख रहे थे। विभिन्न स्कूलों एवं कालेजों से आये बच्चे जैवविविधता से संबंधित तस्वीरों को देखने के बाद पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। यह ट्रेन पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नम्बर दस पर लगायी गयी है। साइंस एक्सप्रेस ट्रेन रविवार को भी राजधानी में ही रहेगी। ट्रेन को 5 जून को नयी दिल्ली से रवाना किया गया था। 22 दिसम्बर 2012 तक देश के 52 शहरों से गुजरेगी। प्रत्येक शहर में दो से तीन दिन ठहरेगी। संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा वर्ष 2011- 2020 तक के दशक को जैवविविधता दशक के रूप में मनाया जा रहा है। जैवविविधता दशक के अवसर पर सरकार द्वारा साइंस एक्सप्रेस ट्रेन देशभर में चलायी जा रही है। इस ट्रेन में 16 कोच लगाये गये हैं। इन कोचों में जैवविविधता से संबंधित कई दुर्लभ तस्वीरों को दर्शाया गया है। साइंस एक्सप्रेस ट्रेन में देश के भौगोलिक स्थिति को दिखाया गया है। ट्रेन में हिमालय के पहाड़ों, नदियां, जीव-जन्तु, जनजातियां एवं प्रमुख उत्पादों को दिखाया गया है। ट्रेन में पश्चिमी घाट, राजस्थान का रेगिस्तान, समुद्र एवं जंगल को भी दिखाया गया है। ----------- जैवविविधता संरक्षण जरूरी नोट्रेडेम एकेडमी की छात्रा पंखुड़ी ने कहा कि साइंस एक्सप्रेस देखने के बाद जैवविविधता संरक्षण का महत्व समझ में आया। पंखुड़ी ने कहा कि वन्य जीवों को मारने की इजाजत किसी को नहीं मिलनी चाहिए। सरकार को शिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। वन्य जीवों का न हो शिकार इग्नू से बीएसडब्ल्यू करने वाली अंशु का कहना है कि जैवविविधता की रक्षा में वन्य जीवों का महत्वपूर्ण स्थान है। सरकार को वन्य जीवों के शिकार पर रोक लगाना अत्यंत जरूरी है। पेड़ों के प्रति जागरूकता जरूरी श्वेता का कहना है कि धरती की हरियाली के लिए पेड़ों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। पेड़ों से ही हमारा पर्यावरण हरा-भरा रह सकता है। नदियां हैं जल भण्डार दिव्या का कहना है कि नदियों का संरक्षण बहुत जरूरी है। नदियां हमारे लिए जल भंडार का काम करती हैं। उन्हें बर्बाद होने से बचाना हमारी जिम्मेदारी है। |