रेल यात्रा के दृष्टिकोण से टापू बन गया जानकीनगर-मधेपुरा क्षेत्र by irmafia on 11 September, 2012 - 03:01 AM | ||
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irmafia | रेल यात्रा के दृष्टिकोण से टापू बन गया जानकीनगर-मधेपुरा क्षेत्र on 11 September, 2012 - 03:01 AM | |
जानकीनगर (पूर्णिया), निसं: पूर्णिया जंक्शन एवं मधेपुरा जंक्शन बड़ी लाईन से जुड़ जाने के कारण विगत चार वर्षो के दौरान पूर्णिया से मधेपुरा का क्षेत्र टापू बनकर रह गया है। यद्यपि अमान परिवर्तन के कार्यो में इन दिनों तेजी आई है, बावजूद रेल सुविधाएं सिकुड़ जाने के कारण लोग सड़क मार्ग से अधिक किराया भाड़ा देकर असुरक्षित यात्रा करने को विवश हैं। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण सामाजिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस रेलखंड में जानकीनगर, मुरलीगंज, बुधमा, मधेपुरा तक चल रहे अमान परिवर्तन के कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किए जाने की मांगें उठती रही है। बनमनखी के भाजपा विधायक कृष्ण कुमार ऋषि की मानें तो निर्धारित समय सीमा 30 जून 12 बीत जाने के बाद भी आधा काम भी पूरा नहीं हो पाया है। अधिकांश कार्यो की प्रगति नगण्य है। विधायक श्री ऋषि रेल प्रशासन व केंद्र सरकार द्वारा इस क्षेत्र की हो रही उपेक्षा तथा कायरें में बरती जा रही उदासीनता को लेकर बिहार विधानसभा में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। क्षेत्रवासियों की माने तो वर्ष 2012 के अंत तक अमान परिवर्तन का कार्य पूर्ण होने की संभावना क्षीण नजर आ रही है। बहरहाल सड़क मार्ग से लाचारीवश यात्रा करने वाले दर्जनों यात्रियों का कहना है कि 2008 में आई बाढ़ के पूर्व इस रेलखंड पर चार-पांच जोड़ी गाड़ियों का परिचालन होने से सुविधा थी, किंतु यदि सहरसा अथवा कटिहार की ओर यात्रा करनी हो तो उन्हें कई बार सोचना पड़ता है। कुल मिलाकर इस रेलखंड पर रेलवे की उपेक्षा एवं परिचालन बिल्कुल ठप रहने से यात्री हलकान हैं तथा रोज समस्याओं से जूझने को विवश हैं। |