रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी का पर्दाफाश, दंपती समेत पांच पकड़े by riteshexpert on 28 April, 2012 - 03:00 AM | ||
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riteshexpert | रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी का पर्दाफाश, दंपती समेत पांच पकड़े on 28 April, 2012 - 03:00 AM | |
नई दिल्ली. रेलवे में नौकरी का झांसा देकर ठगी करने के आरोप में प्रसाद नगर थाना पुलिस ने दंपती समेत गिरोह के पांच शातिरों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में एक वायुसेना का पूर्व कर्मचारी और एक रेलवे अस्पताल में चपरासी है। आरोपी बेरोजगार युवकों को बाकायदा फर्जी नियुक्ति पत्र देते थे और रेलवे अस्पताल में फर्जी तरीके से मेडिकल भी करवाते थे।मध्य जिला के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 6 जनवरी 2012 को सोनीपत निवासी सुरेंद्र सिंह ने प्रसाद नगर थाने में शिकायत दी कि करोलबाग निवासी नरेंद्र कुमार व उसकी पत्नी रेनू यादव ने उसके बेटे को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर छह लाख पांच हजार रुपए ठगे हैं। सुरेंद्र ने यह भी बताया कि दंपती ने उसे फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया है।जांच में जुटी एसएचओ नरेंद्र त्यागी व एसआई मनीष कुमार आदि की टीम ने छह मार्च को रेनू यादव को छह मार्च को पकड़ा, लेकिन नरेंद्र कुमार हाथ नहीं आया। इस बीच, पुलिस ने 23 अप्रैल को सूचना के आधार पर नरेंद्र को भी दबोच लिया। उसकी निशानदेही पर उसके तीन अन्य साथियों नक्शे लाल मिश्रा, मनीष व नंद किशोर को भी गिरफ्तार कर लिया गया।पूछताछ में खुलासा हुआ है कि नरेंद्र वायुसेना से रिटायरमेंट ले चुका है। उसने अपनी पत्नी रेनू व बेटे आनंद के साथ मिलकर ठगी की साजिश रची। नंद किशोर उसका पूर्व परिचित है, जिसने नरेंद्र को नक्शे लाल से मुलाकात कराया था। नक्शेलाल पुरानी दिल्ली स्थित रेलवे अस्पताल में चपरासी के पद पर कार्यरत है। यह गिरोह चंगुल में फंसे युवकों को रेलवे में नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाते। इसके बाद उन्हें रेल भवन ले जाया जाता, जहां बाहर ही खड़ा कर दिया जाता।कुछ देर बाद नरेंद्र या उसके गिरोह का व्यक्ति रेल भवन से बाहर निकलता और नियुक्ति पत्र थमा देता था। फिर उन्हें पुरानी दिल्ली स्थित रेलवे अस्पताल में नक्शे लाल की मदद से एक दो कमरों में ले जाया जाता। इस दौरान नंद किशोर डॉक्टर बनकर वहां बैठा रहता और कहता कि उसका मेडिकल हो गया है और जल्द ही वह नौकरी ज्वाइन कर सकता है। जब युवक रेल विभाग में नियुक्ति के लिए पहुंचते तब उन्हें पता चलता था कि नियुक्ति पत्र फर्जी है। |