रेलकर्मियों का रौद्र रूप देख निकल लिए डीआरएम by greatindian on 15 June, 2012 - 06:00 PM | ||
---|---|---|
greatindian | रेलकर्मियों का रौद्र रूप देख निकल लिए डीआरएम on 15 June, 2012 - 06:00 PM | |
सहारनपुर : रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने आए अंबाला डिवीजन के डीआरएम पीके सांगी को रेल कर्मचारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। आखिरकार डीआरएम निरीक्षण की बात कहकर अपनी निजी स्पेशल ट्रेन के पिछले गेट से निकल लिए। गुरुवार को डीआरएम पीके सांगी को डिवीजन के अन्य अधिकारियों के साथ रेलवे स्टेशन व कालोनियों आदि का निरीक्षण करना था। दोपहर 1.10 बजे के करीब जैसे ही अधिकारियों की यह स्पेशल ट्रेन प्लेटफार्म नं. 5 पर पहुंची कि तभी नार्दन रेलवे मैन्स यूनियन के शाखा अध्यक्ष प्रदीप गिल्हौत्रा व महामंत्री परमजीत सिंह के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में रेल कर्मचारी पार्सल बुकिंग गेट से सीनियर डीईई (डिविजनल इलेक्ट्रिक इंजीनियर) आरके गुप्ता मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए निकले तथा स्टेशन पर जोरदार प्रदर्शन शुरू कर दिया। कर्मचारियों में उनके विरुद्ध नारे लगाए। इसी दौरान स्पेशल ट्रेन से उतरे अधिकारी जहां पहले स्टेशन अधीक्षक कार्यालय में आने की तैयारी में थे। वहीं वह प्लेटफार्म से होते हुए पावर केबिन की तरफ निकल लिए। इससे रेल कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया तथा उन्होंने डीआरएम स्पेशल ट्रेन के डीआरएम कोच के समक्ष करीब 1 घंटे तक प्रदर्शन किया। बाद में डीआरएम पीके सांगी, सीनियर डीसीएएम, सीनियर डीओएम कर्णसिंह आदि अधिकारियों के साथ निजी कार से स्टेशन पहुंचे वरिष्ठ स्टेशन अधीक्षक कार्यालय में यूनियन पदाधिकारियों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। यूनियन शाखा अध्यक्ष प्रदीप गिल्होत्रा व परमजीत सिंह आदि से कार्यालय बंदकर करीब सवा घंटे तक चली समझौता वार्ता के बाद डीआरएम अन्य अधिकारियों के साथ बिना निरीक्षण करे ही वापस लौट गए। प्रदीप गिल्होत्रा ने बताया कि यूनियन ने अपने 10 मुद्दे डीआरएम के समक्ष रखे है जिन्हें मान लिया गया है। उधर, डीआरएम पीके सांगी व अन्य रेल अधिकारी इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से बचते हुए निकल लिए। इस दौरान बड़ी संख्या में यूनियन अधिकारी व रेल कर्मचारी उपस्थित थे। -- शांतिपूर्वक प्रदर्शन से घबराए अधिकारी नार्दन रेलवे के शांतिपूर्वक व अनुशासित ढ़ंग से किए विरोध प्रदर्शन से रेल अधिकारी घबराए नजर आए। प्रदर्शन की खास बात यह थी कि रेल कर्मी केवल सीनियर डीईई पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा विरोध कर रहे थे। इस दौरान ट्रेनों की आवाजाही पर कोई फर्क नहीं पड़ा तथा न ही स्थानीय अधिकारियों का ही विरोध किया गया। इसके बावजूद अधिकारियों की घबराहट व जीआरपी तथा आरपीएफ का फोर्स सुरक्षा में लगाना कई सवाल पैदा कर रहा है। |